पेरिस ओलम्पिक में गोल्ड का लक्ष्यः रवि

नवोदित पहलवानों को कड़ी मेहनत की सलाह
खेलपथ संवाद
सोनीपत।
टोक्यो ओलम्पिक खेलों में रजत पदक विजेता रवि दहिया ने कहा कि कुछ दिन विश्राम करने के बाद वह पेरिस ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य निर्धारित कर अभ्यास के लिए मैदान में उतरेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि फाइनल में प्रतिद्वंदी ने उनसे बेहतर खेल का प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। 
अपने पहले ओलम्पिक में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है और कमियों को दूर करके आगे बढ़ेंगे। छत्रसाल स्टेडियम में अपने कमरे में विश्राम कर रहे पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलम्पिक के फाइनल के अनुभव शेयर करते हुए बताया कि प्रतिद्वंद्वी रूस के उगुएव 2018 और 2019 के वर्ल्ड चैम्पियन रहे हैं। रवि ने बताया कि मुकाबला शुरू होते ही प्रतिद्वंद्वी पर हावी होने के प्रयास किए और गोल्ड मेडल की लड़ाई में अपना 100 प्रतिशत दिया, लेकिन विदेशी पहलवान का अनुभव जीत गया और उसने बाजी मार ली। 
रजत पदक विजेता ने बताया कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट इस ओलम्पिक में पदक के प्रबल दावेदार थे। लगातार शानदार प्रदर्शन के बूते रैंकिंग में सुधार कर टॉप पर पहुंच गए थे। भारतीय दल को उनसे गोल्ड मेडल की पूरी उम्मीद थी। मगर विनेश फोगाट की शुरुआती दौर में ही हुई हार से उन्हें एकबारगी निराश कर दिया। वहीं बजरंग पूनिया भी गोल्ड से चूक गए। 
उनकी हार से उन्हें और साथियों को काफी दु:ख पहुंचा। मगर बाद में वह जल्द ही इससे उबर गए और मुकाबलों पर फोकस कर आगे बढ़ते चले गए। ओलम्पियन रवि दहिया का कहना है कि भारतीय अखाड़ों के पहलवान किसी से कम नहीं हैं। भले ही कई अखाड़ों में संसाधानों का अभाव हो मगर पहलवानों का खेल के प्रति जज्बा और समर्पण देखते ही बनता है। पहलवान हार से हताश न हों। उन्होंने नवोदित पहलवानों को गुरमंत्र दिया कि अनुशासन में रहकर कड़ी मेहनत जारी रखें। ऐसा ही करके सफलता हासिल कर सकेंगे।

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