वर्ल्ड चैम्पियन न बन पाने में कमजोर टॉप ऑर्डर की रही भूमिका

साल के टॉप-10 बल्लेबाजों में कोई भारतीय नहीं
साउथम्पटन।
टीम इंडिया को आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में बुधवार को न्यूजीलैंड ने आठ विकेट से शिकस्त दी। टीम इंडिया दोनों पारियों में ऑलआउट हुई। उसने पहली पारी में 217 और दूसरी पारी में 170 रन बनाए। टीम के टॉप-5 बैट्समैन पूरी तरह फ्लॉप रहे वहीं, दूसरी ओर न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन समेत बाकी बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाया और हर मोर्चे पर भारतीय बल्लेबाजों से हमेशा एक कदम आगे ही रहे। कमजोर टॉप ऑर्डर के साथ भारत का टेस्ट चैम्पियन बनना मुश्किल ही लग रहा था।
यदि पिछले एक साल (23 जून 2020 और 23 जून 2021 तक) के रिकॉर्ड देखें तो इस मैच में ही नहीं बल्कि भारतीय टॉप-5 बल्लेबाज पूरे साल ही फ्लॉप रहे। वर्ल्ड के टॉप-10 बल्लेबाजों में एक भी भारतीय नहीं है। इस दौरान इंडियन प्लेयर्स में से सिर्फ रोहित शर्मा ही 500 से ज्यादा टेस्ट रन बना सके हैं। पिछले एक साल में रोहित शर्मा के साथ शुभमन गिल ने 15 पारियों में ओपनिंग की। इस दौरान एक भी बार दोनों मिलकर 100 रन नहीं जोड़ सके। दोनों की पार्टनरशिप का बेस्ट स्कोर 71 रन रहा है, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में बनाया था। रोहित ने इस एक साल में सात टेस्ट खेले, जिसमें सबसे ज्यादा 538 रन बनाए। इस दौरान एक शतक लगाते हुए इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में 161 रन की पारी भी खेली।
कप्तान विराट कोहली के रनों का सूखा वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी जारी रहा। उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी इनिंग में सिर्फ 13 रन बनाए। वे दोनों बार काइल जेमिसन के शिकार बने। विराट पिछले 571 दिन से किसी भी फॉर्मेट में सेंचुरी नहीं लगा पाए हैं। उन्होंने पिछला शतक नवम्बर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में लगाया था।
पिछले एक साल में विराट ने 6 टेस्ट में 307 रन बनाए। इस दौरान शतक नहीं आया। हालांकि तीन फिफ्टी जरूर लगाई हैं। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 74 रन रहा।
शुभमन गिल की परफॉर्मेंस भी टीम को जीत दिलाने लायक नहीं रही है। उन्होंने 8 टेस्ट में 414 रन बनाए हैं। हालांकि विदेश में उनका बल्ला अच्छा चला और 3 टेस्ट में 51.80 की औसत से 259 रन बनाए।
नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने वाले चेतेश्वर पुजारा का औसत टॉप-5 भारतीयों में सबसे कम रहा। उन्होंने पिछले 12 महीनों में 9 टेस्ट में 26.68 की औसत से 427 रन बनाए। इस दौरान वे 4 फिफ्टी ही लगा सके और उनका बेस्ट स्कोर 77 रन रहा। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होंने पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में सिर्फ 15 रन बनाए। इसका खामियाजा टीम को हार के साथ भुगतना पड़ा।
टीम इंडिया के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे का पिछले एक साल में विदेश में प्रदर्शन अच्छा रहा है। उन्होंने 4 टेस्ट में एक शतक के साथ 268 रन बनाए हैं। ऐसे में उनसे फैन्स को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वे फाइनल में स्ट्रगल करते दिखे। पहली पारी में जरूर उन्होंने 49 रन की पारी खेली थी, लेकिन जब दूसरी पारी में जरूरत थी, तब वे सिर्फ 15 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ही पिछले एक साल में लय में दिखाई दिए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में गाबा टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 89 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को चैम्पियन बनाया था। इसके ठीक बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में 91 रन की पारी खेली थी। WTC फाइनल की दूसरी पारी में भी उन्होंने 41 रन बनाए, लेकिन निराशा यह हुई कि वे इसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। फाइनल की पहली पारी में पंत सिर्फ 4 रन ही बना सके थे। पिछले एक साल में पंत ने 3 टेस्ट में 2 फिफ्टी के साथ 194 रन बनाए। विदेश में भी उनका बल्ला ठीकठाक चला। उन्होंने विदेशी जमीन पर 2 टेस्ट में 186 के औसत से 186 रन बनाए।

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