भारतीय अंतिम एकादश का चयन परेशानी का सबब

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला
नई दिल्ली।
टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से साउथम्पटन में खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में विराट कोहली के सामने सबसे बड़ी समस्या अंतिम एकादश के चयन की होगी। पिच क्यूरेटर सिमोन ली ने बताया है कि विकेट में उछाल और पेस होगो जो इस टेस्ट को रोमांचक बनाएगी। आखिरी दो दिन स्पिनर्स को भी मदद मिलने की उम्मीद जताई है। ऐसे में बैट्समैन को संघर्ष करना पड़ सकता है। जो टीम ज्यादा रन बनाने में सफल होगी, वह जीत की दावेदार होगी।
हाल ही न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया है। जबकि टीम इंडिया भी आपस में दो टीम बनाकर चार दिवसीय एक प्रैक्टिस मैच खेल चुकी है। इस दौरान दोनों कप्तानों ने पिच, मौसम और स्थिति को समझने की कोशिश की है। ऐसे में उम्मीद कर सकते हैं कि खिताबी मुकाबले में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। 
टीम इंडिया के लिए रोहित शर्मा के साथ शुभमन गिल ओपनिंग कर सकते हैं। गिल ने प्रैक्टिस मैच में 135 बॉल पर 85 रन की पारी खेली है। सेकेंड ऑप्शन मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल भी हैं हालांकि, उनको मौका मिलने की सम्भावना बेहद कम है।
टेस्ट चैम्पियनशिप में रोहित शर्मा ने 11 मैच में 64.37 की औसत से 1030 रन बनाए हैं। चार शतक भी जड़े। शुभमन ने 7 टेस्ट में 34.36 की औसत से 378 रन जड़े वहीं, मयंक ने 12 मैच में 42.85 की एवरेज से सिर्फ 857 रन बनाए। तीन शतक भी जड़े। राहुल ने सिर्फ दो टेस्ट खेले, जिसमें 101 रन बनाए हैं।
टीम इंडिया में मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी कप्तान कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत पर हो सकती है। टीम में ऋद्धिमान साहा और हनुमा विहारी भी हैं, लेकिन उन्हें प्लेइंग-11 में मौका मिलना संभव नहीं लग रहा। पंत प्रैक्टिस मैच में शतक भी जड़ चुके हैं। उन्होंने 94 बॉल पर नाबाद 121 रन की पारी खेली।
कोहली ने 14 टेस्ट में 43.85 की औसत से 877 और पुजारा ने 17 मैच में 29.21 की एवरेज से 818 रन बनाए हैं। टीम इंडिया के लिए चैम्पियनशिप में रहाणे ने सबसे ज्यादा 1095 रन बनाए। उनका 17 टेस्ट में 43.80 का औसत रहा। पंत सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर हैं। उन्होंने 11 टेस्ट में 41.37 की औसत से 662 रन बनाए।
इस मैदान पर सिर्फ तीन भारतीय बल्लेबाज ही 100 से ज्यादा रन बना सके हैं। इसमें कप्तान कोहली ने 42.75 की औसत से सबसे ज्यादा 171 और रहाणे ने 56.00 की एवरेज से 168 रन बनाए हैं। तीसरे नंबर पर पुजारा के नाम 54.33 की औसत से 163 रन दर्ज हैं। तीनों ने साउथम्पटन में 2-2 टेस्ट खेले हैं।
कोहली फाइनल मुकाबले में पिच को देखते हुए दो स्पिनर्स के साथ उतर सकते हैं। इसमें रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जड़ेजा सबसे आगे हैं। ऑप्शन के तौर पर टीम में अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर भी शामिल हैं। क्रिकेट के दिग्गज भी दोनों स्पिनर्स के साथ मैच में उतरने की बात कह चुके हैं। यदि कोहली एक स्पिनर के साथ उतरते हैं तो अश्विन प्रबल दावेदार हैं।
क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन का मानना है कि अश्विन के अनुभव और मौजूदा फॉर्म की वजह से वे टीम में चुने जाने की रेस में सबसे आगे हैं। अगर दो स्पिनर चुने जाते हैं तो अश्विन की जगह पक्की है। बाएं हाथ के जडेजा और अक्षर के बीच कड़ी टक्कर रहेगी। इंग्लैंड की खिलाफ घरेलू सीरीज में जडेजा चोटिल थे। अक्षर ने तीन टेस्ट में 27 विकेट लिए थे। हालांकि, मेरा मानना है कि जडेजा चुने जाएंगे। उनका इंटरनेशनल अनुभव, बल्ले और गेंद दोनों से कंसिस्टेंसी उन्हें आगे रखती है।
चैम्पियनशिप में अश्विन 67 विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज हैं। वे 13 टेस्ट में 4 बार पारी में 5 विकेट ले चुके हैं। पहले और दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस 70 और इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड 69 विकेट के साथ काबिज हैं। जडेजा ने 10 टेस्ट में 28 विकेट चटकाए हैं। उनका औसत 28.67 का रहा है। जडेजा साउथम्पटन की पिच पर सबसे ज्यादा 5 विकेट लेने वाले दूसरे स्पिनर भी हैं। मोइन अली 17 विकेट के साथ टॉप स्पिनर हैं।
टीम इंडिया फाइनल में तीन पेसर्स के साथ उतर सकती है। यह तीनों फास्ट बॉलर अनुभवी ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी हो सकते हैं। इनके अलावा ऑप्शन के तौर पर मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और उमेश यादव भी हैं। यदि कोहली चौथा तेज गेंदबाज खिलाते हैं, तो सिराज या शार्दुल को मौका मिल सकता है।
अयाज मेमन का मानना है कि तेज गेंदबाजों को चुनना भी मुश्किल काम होगा। मेरी पसंद बुमराह, ईशांत, शमी और सिराज हैं। इसमें से सिराज को बाहर बैठना पड़ सकता है। बुमराह दुनिया के टॉप-तीन गेंदबाजों में शामिल हैं। ईशांत के पास इंटरनेशनल में 15 साल का अनुभव है। जबकि शमी भारत के सबसे कुशल तेज गेंदबाजों में से एक हैं। अगर उन्हें जल्दी रिदम मिल जाता है तो वे विरोधियों के लिए खतरनाक हो जाते हैं।
शमी और ईशांत चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा 36-36 विकेट लेने वाले संयुक्त रूप से दूसरे भारतीय हैं। शमी 10 टेस्ट में एक बार पारी में 5 विकेट ले चुके हैं। जबकि ईशांत 11 टेस्ट में 3 बार यह उपलब्धि हासिल कर चुके। बुमराह ने 9 टेस्ट में 34 विकेट झटके। वे दो बार पारी में 5 विकेट भी ले चुके हैं।
साउथम्पटन के मैदान पर शमी दो टेस्ट में सबसे ज्यादा सात विकेट लेने वाले भारतीय भी हैं। बुमराह ने यहां एक मैच खेला, जिसमें चार विकेट झटके थे। जडेजा के साथ शमी और बुमराह इस मैदान पर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-10 बॉलर्स में शामिल हैं।
साउथम्पटन में न्यूजीलैंड ने अब तक कोई टेस्ट नहीं खेला है। जबकि टीम इंडिया यहां दो टेस्ट खेले, जिसमें हार मिली है। दोनों बार जुलाई 2014 और अगस्त 2018 में भारतीय टीम को मेजबान इंग्लैंड ने ही शिकस्त दी। द एजिस बाउल की पिच पर अब तक तेज गेंदबाज ही सबसे सफल रहे हैं। यहां अब तक खेले गए 6 टेस्ट में 39 फास्ट बॉलर्स ने सबसे ज्यादा 120 विकेट लिए हैं। जबकि 32 स्पिनर्स मिलकर सिर्फ 41 विकेट ही ले सके। इस मैदान पर अब तक सबसे ज्यादा विकेट इंग्लैंड के पेसर जेम्स एंडरसन ने लिए। उन्होंने 6 टेस्ट में 26 विकेट झटके।

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