मीराबाई चानू की टोक्यो ओलम्पिक में पदक जीतने की उम्मीद बढ़ी

उत्तर कोरिया के ओलम्पिक से हटने का मिल सकता है फायदा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
उत्तर कोरिया के टोक्यो ओलम्पिक खेलों से हटने से भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू की पदक जीतने की उम्मीद बढ़ गई है। पूर्व विश्व चैम्पियन चानू (49 किलोग्राम) की टोक्यो खेलों की क्वालीफाइंग रैंकिंग में 3869.8038 रोबी अंक के साथ चौथे स्थान पर हैं। रोबी अंक अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की अंकों की गणना करने की आधिकारिक प्रणाली है। 
चानू की निकटतम प्रतिद्वंद्वी उत्तर कोरिया की री सोंग गुम 4209.4909 अंक के साथ तीसरे स्थान पर हैं। री सोंग ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप में चानू को पछाड़कर कांस्य पदक जीता था। तब भारतीय खिलाड़ी के 201 किलोग्राम के मुकाबले उत्तर कोरिया की खिलाड़ी ने 204 किलोग्राम वजन उठाया था। ऐसे में उत्तर कोरिया अगर टोक्यो ओलम्पिक से हटने के अपने फैसले पर अडिग रहता है तो इससे चानू को फायदा होगा। 26 वर्षीय चानू 16 से 25 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाले एशियाई भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा पेश करेंगी।
मौजूदा क्वालीफाइंग रैंकिंग में शीर्ष पांच में चीन की तीन भारोत्तोलक शामिल हैं। हाउ झीहुई (4703.1982) शीर्ष जबकि गत विश्व चैम्पियन और विश्व रिकॉर्ड धारक जियांग हुई हुआ (4667.8878) दूसरे स्थान पर हैं। झेंग रोंग (3837.8294) पांचवें नंबर पर हैं। इनमें से हालांकि एक ही ओलम्पिक में हिस्सा ले पाएगी क्योंकि भारोत्तोलन में एक देश एक भार वर्ग में एक ही खिलाड़ी को उतार सकता है। इससे चानू अपने भार वर्ग में दूसरी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन जाती हैं।
कुल भार उठाने की बात करें तो चानू (201 किलोग्राम) से अधिक भार सिर्फ हुईहुआ (212 किलोग्राम), झीहुई (211 किलोग्राम) और री सोंग (209 किलोग्राम) ही उठा पाई हैं। अन्य भारोत्तोलक भारतीय खिलाड़ी से काफी पीछे हैं। अमेरिका की डेलाक्रूज जोर्डन एलिजाबेथ का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 195 किलोग्राम है जबकि उनके बाद इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी केंटिका (190 किलोग्राम) का नम्बर आता है। रियो ओलम्पिक 2016 में चानू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। मणिपुर की यह भारोत्तोलक क्लीन एवं जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रहने के कारण महिला 48 किलोग्राम वर्ग में कुल भार का आंकड़ा नहीं बना पाई थी।

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