इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को सता रहा है अपने टॉप खिलाड़ियों को खोने का डर

टकराव से बचने के लिए निकाला ये रास्ता
नई दिल्ली।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के क्रिकेट निदेशक एशले जाइल्स ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भागीदारी को लेकर बोर्ड खिलाड़ियों से टकराव नहीं चाहता है क्योंकि यदि उन पर फ्रेंचाइजी और राष्ट्रीय टीम में से किसी एक को चुनने का दबाव बनाया जाता है तो टीम को कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को गंवाना पड़ सकता है। इंग्लैंड की तरफ से 54 टेस्ट और 62 वनडे खेलने वाले इस पूर्व स्पिनर ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ गतिरोध से इंग्लैंड क्रिकेट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 
जाइल्स ने बीबीसी के 'टफर्स एंड वॉन कार्यक्रम में कहा, ''अभी मेरा मानना है कि हमारे खिलाड़ियों को इंग्लैंड की तरफ से खेलना पसंद है। मैं नहीं चाहता कि यह गतिरोध का कारण बने। हमें समझना होगा कि यह भविष्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है"। उन्होंने आगे कहा, ''हम विशेषकर आईपीएल में भागीदारी को लेकर अपने खिलाड़ियों से टकराव नहीं चाहते हैं क्योंकि ऐसे में हमें कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को गंवाना पड़ सकता है"।
इंग्लैंड ने आगे के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए श्रीलंका और भारत दौरे में अपने सभी प्रारूपों के खिलाड़ियों को बीच-बीच में विश्राम दिया था। लेकिन इन खिलाड़ियों को पूरे आईपीएल में खेलने की छूट दी गयी है।  इसका मतलब है कि जो खिलाड़ी टूर्नामेंट के आखिरी चरण में खेलेंगे उनके न्यूजीलैंड के खिलाफ दो जून से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में खेलने की संभावना नहीं है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज आईपीएल के लिए सभी खिलाड़ियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने के बाद तय की गयी थी। 
जाइल्स ने कहा, ''स्पष्ट है कि जो भी आईपीएल के आखिरी चरण में पहुंचेगा वह पूरे टूर्नामेंट में खेलेगा। उनके अनुबंधों पर इस तरह की सहमति बनी है। मुझे नहीं लगता कि इस समझौते में परिवर्तन करना सही होगा। इंग्लैंड के 12 क्रिकेटर आईपीएल में खेलेंगे। इनमें से कुछ खिलाड़ियों के साथ करोड़ों रुपये का करार किया गया है। इनमें जोस बटलर, बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टॉ, इयोन मोर्गन, मोईन अली, सैम करेन, टॉम करेन, सैम बिलिंग्स, डाविड मलान और जोफ्रा आर्चर (फिट होने पर) भी शामिल हैं। आईपीएल नौ अप्रैल से शुरू होगा और इसका फाइनल 30 मई को खेला जाएगा। 

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