हरियाणा के सोनीपत में देश की सबसे बड़ी शूटिंग रेंज बनाने की तैयारी

9.5 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव मंजूर हुआ
खेलपथ प्रतिनिधि
सोनीपत।
हरियाणा में जहां अभी तक एक भी शूटिंग रेंज नहीं है वहीं अब देश की सबसे बड़ी शूटिंग रेंज बनाने की तैयारी हो चुकी है। यह शूटिंग रेंज सोनीपत के मोतीलाल नेहरू खेल स्कूल राई में बनाई जाएगी। इस अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज के लिए भवन बन गया है तो अब सबसे ज्यादा मशीन व टारगेट लगाए जाएंगे। इसके लिए 9.5 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव मंजूर किया गया है और नए वित्तीय वर्ष में बजट आते ही मशीन व टारगेट लगाकर रेंज तैयार करने का काम शुरू होगा। रेंज बनाने में स्कूल प्रशासन की राइफल एसोसिएशन मदद करेगी और यहां रेंज बनने पर अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी कराई जा सकेगी। 
प्रदेश में जिला से अंतरराष्ट्रीय स्तर के दस हजार से ज्यादा शूटर हैं। उसके बावजूद अभी तक शूटिंग रेंज नहीं है और इस कारण शूटरों को दिल्ली व अन्य जगह जाकर अभ्यास करना पड़ता है। इसके अलावा राज्य स्तरीय चैम्पियनशिप तक यहां नहीं कराई जा सकती है। अब खेल विभाग ने मोतीलाल नेहरू खेल स्कूल राई में शूटिंग रेंज बनाने का फैसला लिया है। हालांकि अभी तक वहां केवल 10 मीटर व 25 मीटर की सामान्य रेंज बनाने की योजना थी, लेकिन अब देश की सबसे बड़ी रेंज बनाने की योजना तैयार की गई है। जिसकी जिम्मेदारी राइफल एसोसिएशन को सौंपी जा रही है और इसके लिए डीसी श्यामलाल पूनिया ने एसोसिएशन से कार्य योजना का प्रस्ताव मांगा है।
हरियाणा राइफल एसोसिएशन के महासचिव अशोक मित्तल ने बताया कि दिल्ली की कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 10 मीटर पिस्टल व राइफल के लिए 80 टारगेट लेन है तो खेल स्कूल में 100-120 टारगेट लेन बनाने की योजना है। इस तरह ही 50 मीटर पिस्टल व राइफल के लिए कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 80 टारगेट हैं तो यहां 100 बनाए जाएंगे। इस तरह वहां 25 मीटर पिस्टल में 60 टारगेट है तो यहां 80 बनाए जाएंगे। इनके अलावा खेल स्कूल में शॉटगन में ट्रैप, डबल ट्रैप, स्किट के लिए चार रेंज बनाने की तैयारी है। 
श्यामलाल पूनिया, डीसी
खेल स्कूल में रेंज के लिए करीब 9.5 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पास किया जा चुका है। नए वित्तीय वर्ष में बजट आते ही रेंज तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए राइफल एसोसिएशन से प्रस्ताव मांगा गया है कि वह अन्य जगह की रेंज से बेहतर रेंज किस तरह से बना सकते हैं। खेल स्कूल की रेंज अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी, जिससे यहां बड़े खिलाड़ी तैयार किए जा सके। 

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