हिन्दुस्तान में फैंटेसी स्पोर्ट्स की धूम

खेलप्रमियों में ला रहा है गजब का परिवर्तन
अमृत माथुर
नई दिल्ली।
पिछले दशक में भारतीय स्पोर्ट्स में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन एक मल्टी-स्पोर्ट देश बनने के लिए हमें अभी भी बहुत लम्बा सफर तय करना है। एक अरब से ज्यादा लोगों के इस देश में हम सभी क्रिकेटप्रेमी हैं। पिछले कुछ साल में फुटबॉल, कबड्डी, बैंडमिंटन जैसे खेलों ने भी खेलप्रेमियों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई है। परिपक्व स्पोर्ट्स बाजार में विविध तीव्रता व विस्तार के अनेक स्पोर्ट्स खेले जाते हैं, लेकिन भारत को उस विस्तार तक पहुंचना अभी बाकी है।
डेटा व स्मार्टफोन सस्ते हो जाने के बाद, पहली बार स्पोर्ट्स को भारतीय खेलप्रेमियों तक पहुंचाने व दिलचस्प बनाने के अवसर उत्पन्न हुए हैं। आज हम चुन सकते हैं कि हम किसका उपयोग कब और कहां करना चाहते हैं। विभिन्न स्पोर्ट्स, लीग के विकास और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की तीव्र वृद्धि के साथ स्पोर्ट्स टेक में अनेक इनोवेशन हो रहे हैं। फैंटेसी स्पोर्ट्स संलग्नता का एक अभिनव टूल बन गया है, जो पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है।
इस समय इन प्लेटफॉर्म्स पर 140 से ज्यादा ओएफएस ऑपरेटर एवं 9 करोड़ भारतीय स्पोर्ट्स फैंस संलग्न हैं। फैंटेसी स्पोर्ट्स इतना लोकप्रिय हो गया है कि इस समय सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स खिलाड़ी, ड्रीम-11 आईपीएल2020 का टाइटल स्पॉन्सर बन गया है और इस लीग को 'ड्रीम-11 आईपीएल' नाम दिया है। आश्चर्य इस बात का है कि इतने छोटे से समय में फैंटेसी स्पोर्ट्स भारत में इतनी तेजी से विकसित क्यों व कैसे हुआ?
पारम्परिक रूप से कोई भी स्पोर्ट्स फैन को अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स लीग एवं टूर्नामेंट के साथ संलग्न होने के लिए इसे टेलीविजन पर और कभी-कभी स्टेडियम में देखना पड़ता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स शुरू होने से फैंस को अपनी पसंदीदा लीग, टीम व खिलाड़ी को फालो करने का अवसर मिला। हालांकि ये स्पोर्ट्स के साथ संलग्न होने के निष्क्रिय तरीके हैं। फैंटेसी स्पोर्ट्स शुरू होने से स्पोर्ट्स के फैंस को अपनी खुद की वर्चुअल टीम बनाकर सक्रिय हिस्सा लेने का अवसर मिला और वो अपने साथियों, दोस्तों व परिवार के साथ सामाजिक प्रतिस्पर्धा कर सके।
जब लोग फैंटेसी स्पोर्ट्स में हिस्सा लेते हैं, तो वे खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने के लिए ज्यादा मैच देखते हैं, ताकि वह अपनी बेहतरीन फैंटेसी स्पोर्ट्स टीम बना सकें। दिलचस्प बात यह है कि कांतर रिसर्च में सामने आया कि फैंटेसी स्पोर्ट्स यूजर ओएफएस प्लेटफॉर्म से सप्ताह में 4 बार से ज्यादा संलग्न होता है तथा औसतन 215 मिनट प्रति सप्ताह स्पोर्ट्स देखते हुए बिताता है जबकि आम यूजर सप्ताह में 4 बार से कम और औसतन 160 से 180 मिनट स्पोर्ट्स देखते हुए बिताता है। इससे इस परिकल्पना को बल मिलता है कि ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स इंगेजमेंट का स्पोर्ट्स की व्यूअरशिप पर सीधा प्रभाव पड़ता है तथा इससे स्पोर्टिंग के दृष्टिकोण का विकास करने में मदद मिलती है।
भारत में ओएफएस ऑपरेटर्स 9 स्पोर्ट्स- क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी, वॉलीबॉल, बेसबॉल, हैंडबॉल और रग्बी के लिए फैंटेसी स्पोर्ट उपलब्ध करा रहे हैं। फैंटेसी स्पोर्ट में भी क्रिकेट का वर्चस्व कायम है, लेकिन अन्य स्पोर्ट भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। वॉलीबॉल, बेसबॉल एवं हैंडबॉल जैसे खेलों के लिए भारतीयों में बहुत कम या नगण्य रुचि है, लेकिन फैंटेसी स्पोर्ट्स यूज़र इन नए स्पोर्ट्स के साथ संलग्न होकर ये स्पोर्ट भी देख रहे हैं।
भारत में जो फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म एफआईएफएस का हिस्सा हैं, वो फैंस को अपनी पसंद के खेल के ज्ञान व कौशल के प्रदर्शन का सुरक्षित व वैध मंच प्रदान कर रहे हैं। यह समावेशी व मनोरंजक है। 2017 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले एवं अन्य हाईकोर्ट व भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अनेक बार प्रमाणित कर दिया है कि ड्रीम-11 द्वारा प्रस्तुत फैंटेसी स्पोर्ट्स का फॉर्मेट 'गेम ऑफ स्किल' है, न कि सट्टेबाजी या जुआ। अनेक ग्लोबल रिसर्च अध्ययनों तथा एकेडमिक संस्थानों ने फैंटेसी स्पोर्ट्स में कौशल के वर्चस्व को साबित कर दिया है। इनमें आईआईएम बैंगलोर द्वारा प्रकाशित भारत का पहला एकेडमिक अध्ययन शामिल है, जिसमें गणितीय तरीके से फैंटेसी स्पोर्ट्स के ड्रीम-11 के विशेष फॉर्मेट में कौशल का वर्चस्व साबित किया गया है। इसी तरह का एक अध्ययन एमआईटी एवं कोलंबिया के प्रोफेसर्स ने किया जिसमें साबित हुआ कि फैंटेसी स्पोर्ट्स एक 'गेम ऑफ स्किल' है क्योंकि यह कौशल के वर्चस्व पर आधारित है न कि किस्मत पर। इस तरह की रिपोर्ट से भारतीय फैंटेसी स्पोर्ट्स के मौजूदा व भावी अंशधारकों को इस सेगमेंट को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
कोरोना महामारी ने ज्यादातर लाइव स्पोर्टिंग इवेंट्स को प्रभावित किया है। वो या तो आगे खिसक गई है या फिर निरस्त हो गई हैं, ताकि खिलाड़ियों की सेहत व सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारतीय स्पोर्ट्स के फैंस ने नए स्पोर्ट्स जैसे बेसबॉल, हैंडबॉल और रग्बी फैंटेसी स्पोर्ट्स के माध्यम से देखना शुरू किया है। ओएफएस उद्योग ने उन जगहों, जहां पर कोविड-19 नहीं है, वहां से नए स्पोर्ट्स एवं टूर्नामेंट्स द्वारा भारतीय स्पोर्ट्स यूज़र्स को स्पोर्टिंग एक्शन प्रस्तुत करना शुरू किया। ओएफएस (ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स) प्लेटफॉर्म्स ने दुनिया से 1000 से ज्यादा मैच होस्ट किए, जिनमें 5 मिलियन से ज्यादा यूज़र्स ने हिस्सा लिया।
स्पोर्ट्स उद्योग में लम्बे विराम के बाद तेजी से सुधार हो रहा है। रियल-लाइफ स्पोर्ट्स भव्य वापसी कर रहे हैं। खासकर 'ड्रीम-11 आईपीएल' के साथ भारतीय स्पोर्ट्स फैंस को नॉन-स्टॉप स्पोर्टिंग एक्शन देखने को मिलेगा। फैंटेसी स्पोर्ट ने भी वापसी कर ली है और यह जल्द ही फुटबॉल, क्रिकेट एवं बास्केटबॉल के मेनस्ट्रीम टूर्नामेंट्स के साथ पूरे जोरशोर से शुरू हो जाएगा। निकट भविष्य में ज्यादातर स्पोर्टिंग इवेंट्स या तो सीमित संख्या में या फिर नगण्य इन-स्टेडियम दर्शकों के साथ आयोजित होगी। इसलिए डिजिटल स्पोर्ट्स फैन इंगेजमेंट प्लेटफॉर्म, जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स फैंस की संलग्नता बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाएंगे।
(लेखक अमृत माथुर, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) में स्ट्रेट्जिक एडवाइजर हैं।)

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