भारत से बाहर ऋषभ पंत को उन्हें खिलाना है पसंदः रवि शास्त्री

ब्रिसबेन। टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को अपनी खराब विकेटकीपिंग के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, इसके अलावा गैरजिम्मेदार शॉट्स सिलेक्शन के लिए भी वह आलोचकों के निशाने पर रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबकी बोलती बंद कर दी है। ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर उन्होंने नॉटआउट 89 रनों की पारी खेल टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाई और इसके लिए हेड कोच रवि शास्त्री ने उनकी जमकर तारीफ की है। उन्होंने साथ ही बताया कि क्यों भारत से बाहर पंत को खिलाना उन्हें बहुत पसंद है।
पंत (138 गेंद में 89 रन नॉटआउट) ने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की सीरीज के निर्णायक मुकाबले में मंगलवार को भारतीय टीम को तीन विकेट की ऐतिहासिक दिलाई। शास्त्री ने कहा, 'हम विदेश में पंत को टीम में रखते हैं क्योंकि वह एक मैच विनर हैं। जब वह विकेट के पीछे अच्छा नहीं खेलेंगे तो लोग उनकी आलोचना करते हैं, लेकिन वह आपको इस तरह मैच जीतने में मदद कर सकते हैं। अगर वह सिडनी में कुछ समय के लिए रुक जाते (तीसरा टेस्ट , मैच ड्रॉ), तो वह हमें वहां भी जीत दिला सकते थे। वह शानदार हैं और इसलिए हम उनका समर्थन करते हैं।'
हेड कोच ने एडिलेड में शर्मनाक हार के बाद शानदार जज्बा दिखा कर वापसी करने वाली पूरी टीम की तारीफ की जिसने विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में जबर्दस्त जुझारूपन दिखाया। शास्त्री ने कहा कि पहले टेस्ट के बाद टीम के साथ नहीं होने के बावजूद कोहली की बातों ने पूरी टीम को प्रभावित किया। कोहली पहले टेस्ट के बाद पैटरनिटी लीव पर भारत लौट गए थे।  उन्होंने कहा, 'यह टीम रातोंरात नहीं बनी है। विराट यहां नहीं होने के बावजूद हमारे साथ थे। उसकी बातें सब को प्रभावित कर रही थीं। (अजिंक्य) रहाणे भले ही शांत दिखें लेकिन वह अंदर से एक मजबूत इंसान हैं।' 
शास्त्री ने ऐतिहासिक सीरीज जीत में वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन जैसे नए खिलाडियों के योगदान की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, 'वॉशिंगटन सुंदर नेट गेंदबाज के तौर पर आए थे, नटराजन नेट गेंदबाज थे। लेकिन उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया। सुंदर ने ऐसी बल्लेबाजी की जैसे कि उन्होंने पहले ही 20 टेस्ट खेल लिए हों। शार्दुल के साथ भी ऐसा ही है।'

रिलेटेड पोस्ट्स