फ्रांसिस्को जोंस के जज्बे को सलाम

अस्पताल में गुजारा बचपन, हाथों में तीन-तीन उंगलियां
टेनिस कोर्ट पर रही कमाल
नई दिल्ली।
दोनों हाथों में तीन-तीन उंगलियां और अंगूठे। दाहिने पैर में सिर्फ तीन और बायें पैर में चार उंगलियां, पर टेनिस कोर्ट पर ब्रिटेन की 20 वर्षीय फ्रांसिस्का जोंस बड़ी-बड़ी खिलाड़ियों को मात देती हैं। वह अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत मानती हैं। अपने बेमिसाल फोरहैंड और बेहतरीन फुटवर्क के दम पर जोंस अब पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के मुख्य दौर में खेलने जा रही हैं। उन्होंने आठ फरवरी से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए क्वालीफाई कर लिया है।दुनिया की 217वें नम्बर की खिलाड़ी जोंस ने दुबई में अपने तीनों क्वालीफायर मैच जीते। इस दौरान उन्होंने पहली बार एक हफ्ते में शीर्ष 200 में शुमार दो खिलाड़ियों (मोनिका और जाना फेट) को मात दी। दुर्लभ आनुवांशिक लक्षण के चलते जोंस ने बचपन का अधिकतर समय अस्पताल में गुजारा। इसके बाद नौ साल की उम्र में माता-पिता से दूर बार्सिलोना में सांचेज केसल अकादमी में आ गई थी। जोंस कहती हैं कि मैंने अपना ज्यादातर समय मांसपेशियों को मजबूत करने में लगाया जिससे मुझे मदद मिलती है। मैं अपनी कमियों पर बात नहीं करना चाहती जो मुझमें हैं। मुझे लगता है सभी इंसानों में कुछ न कुछ शारीरिक कमजोरियां हैं जबकि वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो या कोई दूसरा न हो। मैं खुद को बेहतर करने की कोशिश करती रहूंगी। जोंस ने अब तक 5 आईटीएफ खिताब जीते हैं। 118 मैच में से 64 जीते हैं।

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