गांगुली और जय शाह जनवरी तक अपने पद पर बने रहेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई, राज्य क्रिकेट संघों के विवादों की सुनवाई के लिए अन्य कोर्ट पर लगी रोक हटाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और राज्य क्रिकेट संघों से जुड़े विवादों की सुनवाई के लिए बाकी कोर्ट पर लगाई गई पाबंदी को बुधवार को हटा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च 2019 को देशभर के सभी अन्य कोर्ट को बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों से जुड़े किसी विषय पर कार्यवाही करने या सुनवाई करने से रोक दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था यह रोक तब तक रहेगी जब तक सीनियर एडवोकेट और कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ पीएस नरसिम्हा लंबित विवादों पर अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देते। उस समय न्यायमित्र के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रहे नरसिम्हा को बीसीसीआई में क्रिकेट प्रशासन से जुड़े लंबित विवादों के समाधान के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई सुनवाई के दौरान राज्य क्रिकेट संघों की ओर से दी गई विभिन्न वकीलों की दलीलों का संज्ञान लिया और आदेश निष्प्रभावी करने का फैसला किया।
नरसिम्हा ने कहा कि सभी याचिकाकर्ताओं को, जिन्होंने विभिन्न राहत की मांग की है और जिन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला किया जा सकता है, उन्हें अब निराकरण पाने के लिए संबद्ध हाई कोर्ट जाने की अनुमति है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि काफी संख्या में अर्जियां निष्फल हो गई हैं क्योंकि उनमें मांगी गई राहत मध्यस्थता प्रक्रिया में दी जा चुकी है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ लंबित अंतरिम अर्जियों को अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट सुधार से संबंधित मामलों को लेकर राज्य क्रिकेट संघों की वादकालीन याचिकाओं का बुधवार को निपटारा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और सह सचिव जयेश जॉर्ज के पद पर बने रहने से संबंधित याचिका पर सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। इनका कार्यकाल कुछ महीनों पहले खत्म हो चुका है। बीसीसीआई ने कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करके लोढा समिति द्वारा बनाए गए संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन की मांग की है। कोर्ट अब इस मामले में जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई करेगी।

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