इंदौर के प्रकाश क्लब को मिले कृत्रिम हॉकी मैदान

पूर्व गोलकीपर मीररंजन नेगी की हॉकीप्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गुहार 
खेलपथ प्रतिनिधि
इंदौर।
शाहरुख खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'चक दे इंडिया' से नई ख्याति पाने वाले देश के पूर्व गोलकीपर मीररंजन नेगी हॉकी को समर्पित नायाब योद्धा हैं। इनकी रग-रग में हॉकी समाई हुई है। नेगी को इंदौर में कृत्रिम हॉकी मैदान न होने का बेहद मलाल है। पूर्व गोलकीपर मीररंजन नेगी ने इंदौर में हॉकीप्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कृत्रिम हॉकी मैदान की सौगात देने की गुहार लगाई है।   
अपने गृहनगर इंदौर में हॉकी की नई पौध को फुटपाथ पर खेल के गुर सिखाने वाली हॉकी की इस शख्सियत ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से एक कृत्रिम हॉकी मैदान की मांग की है। गौरतलब है कि मध्य भारत में हॉकी की नर्सरी कहे जाने वाले जिस 80 साल पुराने प्रकाश हॉकी क्लब में नेगी ने खेल का ककहरा सीखा, उस मैदान की जगह पर स्थानीय निकाय ने कचरा निपटान संयंत्र बना दिया है। इसके अलावा, इंदौर शहर लम्बे समय से एक अदद एस्ट्रोटर्फ मैदान को तरस रहा है।
इस क्लब की गतिविधियां देश की आजादी से पहले रियासत काल में शुरू हुई थीं। क्लब के सचिव देवकीनंदन सिलावट बताते हैं, '1948 के लंदन ओलम्पिक में आजाद भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली हॉकी टीम के कप्तान किशन लाल का हमारे क्लब से जुड़ाव रहा है। देश के महान हॉकी गोलकीपर शंकर लक्ष्मण भी हमारे क्लब का हिस्सा रहे हैं।'
सिलावट ने बताया कि प्रकाश हॉकी क्लब के मैदान पर आईएमसी का कचरा निपटान संयंत्र पिछले दो साल में बनकर तैयार हुआ है और तब से क्लब नए मैदान के लिए सरकारी जमीन की मांग कर रहा है। उन्होंने बताया, 'हमने आईएमसी से एक बार फिर मांग की है कि वह रेसिडेंसी क्षेत्र में हमारे लिए हॉकी मैदान जल्द से जल्द तैयार कराये ताकि हमें फुटपाथ और सड़क पर खिलाड़ियों को अभ्यास कराने के लिए मजबूर न होना पड़े।'
नेगी (62) का कहना है कि 'हम रेसिडेंसी क्षेत्र में जिला जेल की दीवार से लगे फुटपाथ और इसके पास की खाली सड़क पर हॉकी के करीब 125 नए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों के हैं।' उन्होंने बताया कि हॉकी के ये उभरते खिलाड़ी रेसिडेंसी क्षेत्र में 1940 में स्थापित प्रकाश हॉकी क्लब से जुड़े हैं। इस क्लब का मैदान अधिग्रहित कर इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने कचरा निपटान संयंत्र बना दिया है और क्लब को इसके बदले नई जगह अब तक नहीं मिल सकी है।
हॉकी को लेकर सरकारी उपेक्षा पर नाराज नेगी ने कहा, 'सारी तवज्जो बस क्रिकेट को दी जा रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंदौर जैसे बड़े शहर में हॉकी का एक भी एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं है।' पूर्व गोलकीपर ने सुझाया कि प्रदेश सरकार को शहर के खंडवा रोड पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परिसर में हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने के लिए जगह देनी चाहिए। 
नेगी ने कहा, 'हॉकीप्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हमारा निवेदन है कि वह इंदौर में जल्द से जल्द एस्ट्रोटर्फ मैदान बनवाएं। शहर में हॉकी को दोबारा जिंदा करने के लिए यह मैदान बेहद जरूरी है।' सरकारी तंत्र से कई बार मांग करने के बावजूद अब तक नये मैदान से वंचित प्रकाश हॉकी क्लब के साथ भारतीय हॉकी की सुनहरी विरासत जुड़ी है।

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