क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी दायरे में लाने का प्रयास

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना हजारों करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलेगा
फिक्सिंग रोकने में मददगार होगी लीग-लाइज बैटिंग
नई दिल्ली।
भारत सरकार क्रिकेट में सट्टेबाजी को लीगल करने पर विचार कर रही है। यह बात केंद्र सरकार के वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कही है। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ने कहा कि बेटिंग लीगल होने से सरकार को हजारों करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलेगा।
अनुराग ने एक ICICI सिक्युरिटीज की फाइनेंशियल कॉन्फ्रेंस में कहा- बेटिंग को लीग-लाइज करने का प्रस्ताव आप लोगों के माध्यम से सामने आया है। यह दुनिया भर में लीग-लाइज है, चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो या इंग्लैंड या बाकी के कई देश। यदि देखा जाए तो इससे हजारों करोड़ रुपए का रेवेन्यू देश को आता है, जिसे खेल और बाकी के क्षेत्रों पर खर्च किया जाता है।
उन्होंने कहा- मैच फिक्सिंग की जो समस्या है उसका भी ट्रेंड देखा जाए तो बेटिंग से उसकी भी जानकारी मिलती है कि कहीं हो तो नहीं रही है। बेटिंग को लीगल करना फिक्सिंग को रोकने का एक कारगर तरीका साबित हो सकता है। हमें इसकी संभावनाओं पर विचार करना चाहिए। बेटिंग एक सिस्टमेटिक तरीके से होती है और यह सिस्टम फिक्सिंग में शामिल लोगों की निगरानी करने में मददगार साबित हो सकता है।
क्रिकेट खेलने वाले 5 बड़े ऐसे देश भी हैं, जहां बेटिंग को लीग-लाइज किया गया है। यह देश ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और न्यूजीलैंड हैं। भारत में ड्रीम-11 जैसी कंपनियों पर सट्टेबाजी को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी को क्लीन चिट दे रखी है। कोर्ट का मानना है कि मोबाइल गेमिंग सट्टेबाजी नहीं है। इसमें दिमाग लगाना पड़ता है, जबकि सट्टेबाजी में ऐसा नहीं है। बेटिंग और गेमिंग के बीच बारीक सा अंतर है।

 

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