द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए मेरे भाई और कोच के नाम पर विचार करो

बॉक्सर मनोज कुमार की खेल मंत्री किरेन रिजिजू से अपील
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार के पदक विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार ने बुधवार को खेल मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर उनसे द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए अपने भाई और निजी कोच राजेश कुमार राजौंद के नाम पर विचार करने को कहा जिनकी दावेदारी को चयनसमिति ने नजरअंदाज कर दिया था। इस बार 12 सदस्यीय समिति ने द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए 13 नामों की सिफारिश की है जिनकी घोषणा 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अन्य विजेताओं के साथ की जाएगी।
पूर्व राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने भी राजौंद के नामांकन का समर्थन किया था। मनोज ने लिखा है कि सकारात्मक जवाब की उम्मीद कर रहा हूं। आपसे इस साल के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए घोषित किए गए नामों पर एक बार विचार करने का आग्रह करता हूं। मैं आपसे मेरे कोच राजेश कुमार की उपलब्धियों पर विचार करने और उनकी उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करने में मदद करने का अनुरोध करता हूं क्योंकि इस मामले में हमारे लिए आप आखिरी उम्मीद हो।
उन्होंने कहा कि अगर फिर से एक कोच और उसके शिष्यों की कड़ी मेहनत को नजरअंदाज कर दिया जाता है और उनके संघर्ष की कहानी पूरे देश को पता होने के बावजूद उन्हें पुरस्कार नहीं दिया जाता है तो फिर नई प्रतिभा देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने के प्रति कैसे प्रेरित होगी। हरियाणा का यह मुक्केबाज अर्जुन पुरस्कार के लिए अदालत तक गया था। उन्हें 2014 में यह पुरस्कार मिला था। वह दो बार एशियाई कांस्य पदक विजेता होने के साथ 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं।
इस 33 वर्षीय मुक्केबाज ने कई बार अपने करियर को निखारने का श्रेय अपने भाई को दिया। मनोज ने हॉकी कोच जूड फेलिक्स (नियमित) और रोमेश पठानिया (जीवनपर्यन्त) के नाम की सिफारिश पुरस्कार के लिए किए जाने के संदर्भ में कहा कि जब हॉकी में एक से अधिक कोच को पुरस्कार के लिए चुना जा सकता है तो फिर मुक्केबाजी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। आपसे त्वरित और सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।
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