'शाहिद अफरीदी ने सचिन तेंदुलकर के बल्ले से जड़ा था 37 गेंदों में वनडे शतक'

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफीरीद ने अपने दूसरे वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ नैरोबी में 37 गेंदों में शतक जड़ा था। यह एक समय में सबसे तेज वनडे शतक था। अफरीदी का यह रिकॉर्ड 18 साल तक बना रहा। इसके बाद न्यूजीलैंड के ऑल राउंडर कोरी एंडरसन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2014 में 36 गेंदों में शतक जड़कर इस रिकॉर्ड को तोड़ा। इसके बाद 2015 में दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स ने 31 गेंदों में शतक जड़कर नया रिकॉर्ड बनाया। डिविलियर्स के इस रिकॉर्ड को अभी तक को खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है। उस मैच में अफरीदी ने 40 गेंदों में 104 रनों की पारी खेली थी, लेकिन मजेदार बात यह थी कि जिस बल्ले से उन्होंने यह पारी खेली थी, वह उनका नहीं था। 
शाहिद अफरीदी ने जिस बल्ले से वह पारी खेली थी, वह बल्ला सचिन तेंदुलकर ने वकार यूनिस को गिफ्ट किया था। अफरीदी के पूर्व पाकिस्तानी टीममेट अजहर महमूद ने इस किस्से को सुनाते हुए दावा किया कि इसके बाद अफरीदी एक प्रॉपर बल्लेबाज। वह ऐसे गेंदबाज से जो हिट भी कर सकता है, से बल्लेबाज बने। अफरीदी को अपने डेब्यू मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, क्योंकि उन्हें नंबर 6 पर आना था। लेकिन लेकिन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या और रोमेश कलुविथारणा के कारनामों को देखने के बाद टीम प्रबंधन ने अफरीदी को ऊपर भेजने का फैसला किया था। 
अजहर महमूद ने 'द ग्रेटेस्ट राइवलरी' पॉडकास्ट में कहा, ''शाहिद अफरीदी ने सहारा कप के बाद 1996 में नैरोबी में डेब्यू किया था, जहां मैंने भी डेब्यू किया। मुश्ताक अहमद उस सीरीज में चोटिल हो गए थे। शाहिद अफरीदी पाकिस्तान ए टीम के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर थे और उन्होंने मुश्ताक को उस टूर्नामेंट में रिप्लेस किया।''

उन्होंने आगे बताया, ''उन दिनों श्रीलंका को दो ओपनर जयसूर्या और विकेटकीपर कलुविथारणा अपने तेज आक्रमण के लिए जाने जाते थे। इसलिए हमने सोचा कि हमें किसी ऐसे की जरूरत है जो नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर सके। वसीम अकरम ने अफरीदी और मुझसे कहा कि तुम लोग जाओ और नेट में प्रैक्टिस करो। मैं समझदारी से खेल रहा था और अफरीदी स्पिनरों के खिलाफ हो गए। उन्होंने नेट्स में सबकी जमकर धुलाई की।''
पाकिस्तान के ओपनर सलीम इलाही के आउट होने तक स्कोर 1 विकेट के नुकसान पर 60 रन था। फिर अफरीदी को नंबर 3 पर भेजा गया। अफरीदी ने 11 छक्कों और 6 चौकों के साथ 37 गेंदों में शतक जड़ा। सचिन तेंदुलकर के गिफ्ट दिए हुए बैट से अफरीदी ने यह खास पारी खेली। इस पारी से अफरीदी लाइम लाइट में आए और वनडे क्रिकेट में पाकिस्तान के बड़े खिलाड़ियों में से एक बन गए। इसके बाद वह पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान भी बने। उनकी कप्तानी में 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में पाकिस्तान टीम सेमीफाइनल तक पहुंची।
महमूद ने आगे कहा, ''अगले दिन श्रीलंका के खिलाफ हमारा मैच था। उन्होंने कहा कि अफरीदी नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए जाएंगे। मुझे लगता है कि वकार [यूनिस] को सचिन [तेंदुलकर] से बैट गिफ्ट मिला था। अफरीदी ने सचिन के बल्ले का इस्तेमाल किया और इसके बाद शतक बनाने में सफल रहे। इसके साथ ही वह बल्लेबाज बन गए। वैसे वह एक बॉलर थे, जो गेंद को हिट भी कर सकता है, लेकिन आखिर में उनका करियर शानदार रहा।''
उन्होंने कहा, ''खासकर 2011 के वर्ल्ड कप में उन्होंने पाकिस्तानी टीम की अच्छी कप्तानी की। वह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे, वह वास्तव में अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने महान अब्दुल कादिर से एक डिलीवरी सीखी। वह गेंद जो आपके पैड में घुसती है और हिट होती है। वह अफरीदी के लिए एक शानदार वर्ल्ड कप था। उन्होंने बल्ले से भी शानदार किया। वह वर्ल्ड कप पाकिस्तान के लिए भी शानदार रहा। दुर्भाग्य से हम भारत से हार गए, लेकिन अफरीदी पाकिस्तान के महान एसैट थे।''

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