किरण मोरे ने बताया- सलीम मलिक मारना चाहते थे मुझे

नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरन मोरे ने बताया है कि किस तरह से पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज सलीम मलिक एक बार उन्हें बैट से मारना चाहते थे। उन्होंने बताया कि यह किस्सा 1989 में कराची के नैशनल स्टेडियम पर खेले गए टेस्ट मैच का है। यह वही मैच था, जिसमें सचिन तेंदुलकर और वकार यूनिस ने डेब्यू भी किया था। उस किस्से को याद करते हुए मोरे ने बताया कि वो मलिक को उनकी भाषा में जवाब देने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें पूर्व क्रिकेटर ने धमकाया था।
इतना ही नहीं मोरे ने कहा कि अगर उस समय स्टंप्स माइक्रोफोन्स होते तो खेल और ज्यादा मजेदार और रोमांचक हो जाता। उन्होंने कहा, 'जब भी भारत-पाकिस्तान सीरीज होती है, स्लेजिंग होती ही है। जब हम 1989 में पाकिस्तान गए थे, मैंने सलीम मलिक को कराची टेस्ट में स्लेज किया था और वो बैट से मुझे मारने आ गए थे। मैंने उन्हें पंजाबी में एक बहुत खराब शब्द कहा था, पंजाबी ऐसी भाषा थी, जो हम लोगों के लिए कॉमन थी। दरअसल वो काफी मजेदार किस्सा था। मुझे लगता है कि उस समय माइक्रोफोन्स होने चाहिए थे, यह सबके लिए काफी मजेदार हो जाता।'

भारत और पाकिस्तान के बीच वो टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ था। भारत ने दूसरी पारी में तीन विकेट गंवाकर 96 ओवर खेल डाले थे। मलिक ने पहली पारी में 36 रन और दूसरी पारी में नॉटआउट 102 रन बनाए थे। मोरे ने इसके अलावा गद्दाफी स्टेडियम पर जावेद मियांदाद के 100वें टेस्ट का भी एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, 'लाहौर में टेस्ट मैच खेला जा रहा था, जो जावेद मियांदाद का 100वां टेस्ट मैच था। मनिंदर सिंह गेंदबाजी कर रहे थे, और वो बल्लेबाजी के लिए आए थे। तीसरा या चौथा ओवर था, उनके खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों अपील कर रहे हो तुम, यह मेरा 100वां टेस्ट मैच है, मैं सेंचुरी मारूंगा और घर लौटूंगा।' वो मैच भी ड्रॉ रहा था और मियांदाद ने 145 रन बनाए थे।

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