क्रिकेट में अपनी पहली पारी से निराश हो गए थे सचिन

रवि शास्त्री ने दी सलाह क्रीज पर समय बिताने का संकल्प लो
मुम्बई।
सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है, लेकिन सचिन के करियर का पहला ही टेस्ट सही नहीं रहा था। उन्हें अपने पहले ही मैच में वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे दिग्गज गेंदबाजों का सामना करना पड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने हालांकि कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री की सुझाव ने उनके लिए सब कुछ बदल दिया और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
सचिन ने स्काई स्पोर्ट्स पर 'सचिन मीट्स नासिर' एपिसोड में कहा, “मैं अनभिज्ञ था और मुझे यह मानना पड़ेगा। मैंने पहला टेस्ट मैच ऐसे खेला, जैसे कि मानो मैं स्कूल मैच खेल रहा था।” उन्होंने कहा, “वसीम और वकार तेजी से गेंदबाजी कर रहे थे और वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे। मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं महसूस किया था, इसलिए पहला मैच सुखद नहीं था। उनकी गति और बाउंस से मैं मात खा गया और आखिरकार मैं 15 रन पर आउट हो गया। ऐसा लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी मैच था। मैं बहुत उदास था।”  
तेंदुलकर ने कहा, ''मैं ऐसे सोच रहा था, 'तुमने क्या किया, तुमने ऐसा क्यों खेला और जब मैं ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मैं सीधे बाथरूम में गया और मेरे आंसू निकलने ही वाले थे।'' कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड बनाने वाले तेंदुलकर को लगा कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए इतने अच्छे खिलाड़ी नहीं थे। उन्होंने कहा, ''मुझे लगा कि मैं बिल्कुल अच्छा नहीं था। मैंने खुद से सवाल किये और कहा, ''ऐसा लगता है कि यह पहला और अंतिम मुकाबला होगा। मुझे लगा कि मैं इस स्तर पर खेलने के लिये अच्छा नहीं हूं। मैं निराश और हताश था।'' तेंदुलकर ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री से बात करके कुछ मदद मिली। 
सचिन तेंदुलकर को हैरान और परेशान देख टीम के खिलाड़ियों में से शास्त्री ने उनसे बात की। सचिन ने कहा, “टीम साथियों को यह अहसास हुआ। मुझे अभी भी शाास्त्री के साथ हुई बातचीत याद है। उन्होंने मुझसे कहा कि आपने ऐसा खेला जैसे कि यह एक स्कूल मैच हो। आपको याद रखना होगा कि आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हो। आपको उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है।” 
पूर्व बल्लेबाज ने कहा, “तब मैंने रवि से कहा कि मैं पाकिस्तानी गेंदबाजों की गति से मात खा जाता हूं। उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा होता है और आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बस आधे घंटे क्रीज पर बिताने की जरूरत है और तब आप उनकी गति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे और सब कुछ सही हो जाएगा।” शास्त्री की इस सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए अगले मैच में 59 रनों की पारी खेली थी। 
15 नवम्बर, 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 साल तक 22 यार्ड की पिच पर अपना अलग मुकाम हासिल किया है। सचिन के नाम ऐसे न जाने कितने ही रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें आज तक कोई क्रिकेटर नहीं तोड़ पाया है। सचिन ने 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में अपना आखिरी मैच खेला और क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट में 53.79 की औसत से 15921 रन बनाए हैं वहीं, उन्होंने 463 वनडे मैचों में 44.83 की औसत से 18426 रन दर्ज हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 51 टेस्ट और 49 वनडे शतक जड़े हैं। वहीं, उन्होंने 68 टेस्ट और 96 वनडे अर्धशतक जड़े हैं।

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