अशोक दीवान ने लगाई स्वदेश वापसी की गुहार

नई दिल्ली। भारत की एकमात्र विश्व कप विजेता हॉकी टीम के सदस्य रहे अशोक दीवान कोविड-19 के कारण लगी यात्रा संबंधी पाबंदियों के कारण अमेरिका में फंस गए हैं। इन दिनों अस्वस्थ चल रहे 65 वर्षीय पूर्व ओलंपियन तुरंत स्वदेश लौटना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के जरिए खेल मंत्री किरेन रिजिजू और विदेश मंत्रालय से तुरंत मदद की गुहार लगाई है।
अशोक दीवान 1975 में क्वालालंपुर में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर विश्व कप जीतने वाली टीम के गोलकीपर थे। पिछले हफ्ते उच्च रक्तचाप के चलते उन्हें कैलिफोर्निया में अस्पताल में इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ा था। अशोक दीवान को 20 अप्रैल को एयर इंडिया की फ्लाइट से वापस भारत आना था लेकिन कोरोना महामारी के वैश्विक कहर के चलते उनकी भारत आने की फ्लाइट की तारीखें आगे सरका दी गई।
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को भेजे व्हाटसऐप संदेश के जरिए भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच और ध्यानचंद अवॉर्डी दीवान ने कहा, ‘इन दिनों मेरी तबियत ठीक नहीं है। अमेरिका में इलाज बहुत ज्यादा महंगा है। अमेरिका में मेरे पास को पास किसी किस्म का बीमा नहीं है। ऐसे में मेरी आपसे गुजारिश है कि आप मेरा यह संदेश माननीय खेल मंत्री और विदेश मंत्री को भिजवा दें। जिससे सैन फ्रांसिस्को स्थित अस्पताल में मेरी स्वास्थ्य जांच अथवा वहां से मेरे जल्द भारत आने की व्यवस्था में मदद हो सके। यदि किसी तरह के भी बिल बाकी रहते हैं तो मैं भारत लौटने पर अदा कर दूंगा।’
भारत में पत्नी और बेटी अलग परेशान
1976 ओलंपिक में भारतीय टीम के सदस्य दिसंबर में अपने बेटे से मिलने अमेरिका में गए थे लेकिन कोविड-19 के यात्रा संबंधी कड़ी पाबंदियां हो गई। दीवान की बेटी आरुषी ने बताया कि मेडिकल जांच में पता चला कि उन्हें ह्रदय संबंधी समस्या हो गई है। डाक्टर ने उन्हें एक महीने की दवाई दी है लेकिन यह ज्यादा मदद नहीं कर रही। वह असहज महसूस कर रहे हैं। वह अपना मेडिकल इंश्योरेंस ले जाना भी भूल गए हैं। उनकी देखभाल के लिए अकेला भाई ही मौजूद है। दीवान की पत्नी सुनीता ने कहा कि हम बहुत परेशान हैं।
भारतीय दूतावास करेगा संपर्क
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने पूर्व हॉकी ओलंपियन अशोक दीवान की मदद को आगे आया है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा से मदद की गुहार लगाए जाने के बाद भारतीय दूतावास ने  जल्द दीवान से संपर्क करने का आश्वासन दिया है। इस बीच केंद्रीय खेल मंत्रालय भी पूर्व भारतीय गोलकीपर की मदद को आगे आया। मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि उन्हें मामले में पत्र मिला है कि और इसे विदेश मंत्रालय को भेजा गया है।

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