नाडा ने मुक्केबाज सुमित सांगवान से डोपिंग बैन हटाया

नई दिल्ली। पूर्व एशियाई रजत पदक विजेता मुक्केबाज सुमित सांगवान ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में यह साबित कर दिया कि उन्होंने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया था, जिसके बाद उन पर लगा एक साल का डोपिंग प्रतिबंध सोमवार को हटा दिया गया। भारतीय मुक्केबाजी संघ के एक अधिकारी ने कहा, ''सुमित को मामले में क्लीनचिट मिल गई है और उन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया। उन्होंने नाडा पैनल को आश्वस्त किया कि उनके नमूने जो प्रतिबंधित पदार्थ मिला था उन्होंने अनजाने में उसका सेवन किया था।''

सांगवान को दिसंबर 2019 में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित सूची में शामिल पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया था। सांगवान ने कहा, ''मैं राहत महसूस कर रहा हूं। मेरे कंधे से बड़ा बोझ हट गया। मुझे पता था कि मैं गलत नहीं था। मुझे खुशी है कि मैं यह साबित कर पाया।''  उन्होंने कहा, '' मैंने नाडा पैनल के समक्ष अपनी चिकित्सा रिपोर्ट जमाकर खुद को बेकसूर साबित किया। इस मामले की पहली सुनवाई में मैं इन सबूतों को पेश नहीं कर पाया था।''

सांगवान ने हालांकि पहले भी कहा था कि उन्होंने आंख के संक्रमण के लिए चिकित्सक की सलाह पर दवा ली थी। उन्होंने कहा, '' मैंने इस दवा का सेवन तभी किया था जब मैं दर्द के कारण अपनी आंखों को खोल भी नहीं पा रहा था। अगर मैं आंख खोलने की स्थिति में रहता तो शायद मुझे पता होता कि मैं कौन सी दवा ले रहा हूं। मैंने चिकित्सक पर विश्वास किया।''

उन्होंने कहा, ''उस समय मेरा यकृत (लीवर) सामान्य से ज्यादा बड़ा हो गया था जिस कारण यह दवा सात दिनों में मेरे शरीर से बाहर नहीं निकल पाई और इसके सेवन के 13वें दिन भी यह मेरे नमूने में पाई गई।'' निलंबन के कारण हालांकि लंदन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाला यह मुक्केबाज 2020 टोक्यो ओलंपिक क्वॉलिफायर ट्रायल में भाग नहीं ले सका था।

उन्होंने कहा, ''मैं महासंघ से खुद को राष्ट्रीय शिविर में शामिल करने की मांग करूंगा। जब यह सब हुआ तक मैं राष्ट्रीय चैम्पियन था। मुझे वापस शिविर में जगह मिलनी चाहिए।'' सांगवान का नमूना 10 अक्टूबर को लिया गया था, जिसमें डायूरेटिक्स और 'मास्किंग एजेंट के अंश पाए गए थे। 

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