भाग्य पर निर्भर सुशील की ओलंपिक में दावेदारी

74 किलो में ट्रायल में जीते जितेंदर
बीजिंग और लंदन ओलंपिक के पदक विजेता सुशील कुमार की टोक्यो ओलंपिक में दावेदारी भाग्य पर निर्भर हो चली है। सुशील की गैरमौजूदगी में 74 किलो भार वर्ग में शुक्रवार को जितेंदर कुमार ने बाजी मार ली।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने साफ कर दिया कि ट्रायल में जीते जितेंदर, सत्यव्रत कादियान (97 किलो) और सुमित (125 किलो) रोम में होने वाले रैंकिंग टूर्नामेंट और दिल्ली में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में पदक नहीं जीतते हैं तो ओलंपिक क्वालिफायर के लिए इन भार वर्गों में फिर ट्रायल कराया जाएगा। यानि कि सुशील को टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए जितेंदर के खराब प्रदर्शन पर निर्भर रहना पड़ेगा।
बृज भूषण ने ट्रायल के बाद स्पष्ट किया कि ओलंपिक के लिए कुश्ती संघ किसी तरह का जोखिम नहीं लेगा। 57, 65 और 86 किलो में ओलंपिक कोटा हासिल किया जा चुका है बाकी तीन वजनों में कोटा लेने के लिए आज  ट्रायल में जीते तीनों पहलवानों के प्रदर्शन पर नजर रखी जाएगी। ट्रायल जीतने वाले पहलवान रोम और एशियाई चैंपियनशिप में खेलेंगे।
सुशील की गैरमौजूदगी में 74 किलो में जबरदस्त टक्कर थी। सेमीफाइनल में राष्ट्रीय चैंपियन यूपी के गौरव बालियान को 6-7 से अनुभवी अमित धनकड़ के हाथों परास्त होना पड़ा। वहीं विनोद कुमार को हराकर फाइनल में पहुंचे जितेंदर ने फाइनल में अमित को 5-2 से परास्त किया। जितेंदर ने कहा कि वह ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस दौरान 57 और 86 किलो में ओलंपिक कोटा  हासिल करने वाले रवि कुमार और दीपक पूनिया ने अपने भार वर्गों में ट्रायल जीता। रवि ने सेना के पंकज को और दीपक ने पवन कुमार को पराजित किया। अमेरिका से तैयारियां करके लौटे सत्यवर्त ने 97 किलो में पांच साल बाद मौसम खत्री को आसानी से हराया। 125 किलो में सुमित ने फाइनल में धर्मेंदर को हराया। शनिवार को महिला टीम के चयन के लिए लखनऊ में ट्रायल आयोजित किए जाएंगे।
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