खिलाड़ियों के सप्लीमेंट और खाने के पैसे में कटौती

अब बढ़ेगा डोपिंग का खतरा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक को महज नौ माह का समय शेष बचा है, लेकिन खेलों के महाकुंभ की तैयारियों में जुटे भारतीय खिलाड़ियों के खाने और फूड सप्लीमेंट के पैसे में भारी कटौती कर दी गई है। सप्लीमेंट के पैसे में की गई कमी के चलते विभिन्न साई सेंटरों में तैयारियां कर रहे देश के जाने-माने खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोचेज और खिलाड़ियों ने साई सेंटर के इंचार्जों से सप्लीमेंट दिए जाने की गुहार लगाना शुरू कर दिया है। पॉवर खेलों में अभी तक 1440 (690+750) रुपये प्रति दिन के हिसाब से खिलाड़ियों को खाना और फूड सप्लीमेंट दिया जाता है, जिसे महज 375 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। सप्लीमेंट बंद किए जाने से कोचेज और खेल संघों के मन में ओलम्पिक से पहले खिलाड़ियों के डोप में फंसने का डर गहरा गया है।
एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, कुश्ती, वुशू जैसे पॉवर खेलों के अलावा अन्य खेलों में साई की ओर से नेशनल कैंप के दौरान खाना और फूड सप्लीमेंट दिया जाता है। साई की ओर से जारी नए आदेश में कहा गया है कि असीमित उच्चस्तरीय खाने और सप्लीमेंट के लिए 375 रुपये प्रति दिन और साल में 320 दिन के हिसाब से एक लाख 20 रुपये निर्धारित किए गए हैं। पहले खाने के लिए 690 रुपये प्रतिदिन और 70 किलो से ऊपर के खिलाड़ियों के लिए साढ़े सात सौ और 70 किलो से नीचे के खिलाड़ियों के लिए 430 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फूड सप्लीमेंट दिया जाता था। यह आदेश निकलने के बाद से रीजनल सेंटरों में एथलीटों, वेटलिफ्टरों और दूसरे खेलों के खिलाड़ियों को सप्लीमेंट देना बंद कर दिया गया है। सप्लीमेंट बंद किए जाने से खिलाड़ियों ने बाहर का सप्लीमेंट खाना शुरू कर दिया है।
सूत्र बताते हैं कि कोचेज की ओर से खिलाड़ियों के कमरे की जांच में बाहर के सप्लीमेंट भी मिले हैं। यह सब सप्लीमेंट बंद किए जाने के बाद से हुआ है। एक कोच का कहना है कि बाहर के सप्लीमेंट खाने से डोपिंग में फंसने के अवसर ज्यादा हैं। कुछ खेल संघों ने खिलाड़ियों के बाहर का सप्लीमेंट खाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
खेल मंत्रालय और साई का तर्क है कि 690 रुपये खाने के लिए ज्यादा हैं। अब तक कैंप में खाने के लिए बाहर के कैटरर्स को खाने के लिए अनुबंधित किया जाता था, लेकिन साई अब खुद किचन चला रही है। जिसमें उसने चेफ भी अनुबंधित किए हैं। दरअसल मंत्रालय और साई को शिकायतें मिली थीं कि खाने की राशि जरूर 690 निर्धारित थी, लेकिन इतने का खाना खिलाड़ियों को नहीं देकर इधर-उधर किया जाता था।
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