द वाल प्रणब राय अब थाईलैण्ड में दिखाएगा जौहर

स्पाइनल कार्ड इंजुरी के बाद कमबैक करने वाला पहला भारतीय धावक

श्रीप्रकाश शुक्ला

ग्वालियर। खिलाड़ी का जीवन मुश्किलों भरा होता है। जो मुश्किलों पर फतह हासिल करता है वही मादरेवतन का मान बढ़ाता है। लगभग छह माह तक स्पाइनल कार्ड इंजुरी से जूझने के बाद अपने खिलाड़ी मित्रों में द वाल नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल के जांबाज धावक प्रणब राय अगले साल फरवरी माह में थाईलैण्ड में 70 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लेने को दिन-रात एक कर रहे हैं। प्रणब को उम्मीद है कि वह शानदार वापसी करने में जरूर सफल होंगे। प्रणब की विश्व में मौजूदा रैंकिंग 628 है।

सच तो यह है कि खेलों में सफलता उसे ही नसीब होती है जिसमें हौसले के साथ कुछ कर गुजरने का जुनून सवार हो। छह माह पहले एक दुर्घटना में लम्बी दूरी के धावक प्रणब को स्पाइनल कार्ड इंजुरी का शिकार होना पड़ा। गम्भीर चोट के बाद उसके खेल करियर पर संकट के बादल मंडराने लगे, हर किसी को लगा कि अब वह कभी नहीं दौड़ पाएगा। ऐसी विपरीत परिस्थिति में प्रणब ने न केवल मुश्किलों का डटकर सामना किया बल्कि संकल्प लिया कि वह देश के लिए जरूर दौड़ेगा। इस तरह की चोट के बाद प्रायः खिलाड़ी अपने खेल को विराम दे देते हैं लेकिन प्रणब ने हिम्मत हारने की बजाय अभ्यास शुरू कर दिया है। अब वह न केवल फिट है बल्कि उसका चयन फरवरी माह में थाईलैण्ड में होने वाली एशिया मास्टर्स प्रतियोगिता के लिए हुआ है। प्रणब थाईलैण्ड में 70 किलोमीटर दौड़ में हिस्सा लेगा।      

पश्चिम बंगाल का धावक प्रणब राय ऐसा कारनामा करने जा रहा है जिसे आज तक कोई भारतीय नहीं कर सका है। स्पाइनल कार्ड इंजुरी के बाद कमबैक करने वाला प्रणब देश का पहला धावक है। हावड़ा जिले के बगनान गांव में निर्मल कुमार राय-सांतना राय के घर जन्मे प्रणब राय आठ साल की उम्र से ही लम्बी दूरी की दौड़ों में शिरकत कर रहे हैं। प्रणब का जीवन मुफलिसी भरा है, ऐसे में यदि वह दुनिया में मुल्क का नाम रोशन करने का हौसला दिखाता है तो उसे न केवल शाबासी मिलनी चाहिए बल्कि केन्द्र और राज्य सरकारों को दिल खोलकर उसकी आर्थिक मदद भी करनी चाहिए। यह धावक अब तक 50 किलोमीटर से 161 किलोमीटर की दौड़ों में अनगिनत बार हिस्सा लेकर अपने प्रदेश और देश को गौरवान्वित कर चुका है।

प्रणब राय का कहना है कि सरकारी उपेक्षा और पैसे के अभाव के चलते उसके सामने परेशानियां ही परेशानियां हैं लेकिन मन में विश्वास है कि वह एक न एक दिन लम्बी दूरी की दौड़ों में देश का नाम अवश्य रोशन करेगा। प्रणब के जोश और जुनून को देखते हुए उम्मीद करनी चाहिए कि वह थाईलैण्ड में भारत का मान जरूर बढ़ाएगा। इस करिश्माई धावक को उम्मीद है कि आने वाली हर परेशानी पर वह अपनी दृढ़-इच्छाशक्ति से फतह हासिल करेगा।

 

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