भारोत्तोलक पूर्णिमा, दीपिका सहित तीन कपूतों ने कटाई देश की नाक

भारत के पांच भारोत्तोलकों पर चार-चार साल का प्रतिबंध

खेलपथ प्रतिनिधि

हमारे खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार करने की बजाय लगातार शक्तिवर्धक दवाओं का सेवन कर अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर देश की इज्जत को दाग लगा रहे हैं। इस मामले में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं। हाल ही शक्तिवर्धक दवाओं के सेवन के चलते जूनियर राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता पूर्णिमा पांडे, दीपिका श्रीपाल सहित तीन अन्य पुरुष भारोत्तोलकों पर चार-चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंधित किए गए भारोत्तोलकों में राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता रवि कुमार कतालु, जूनियर राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता पूर्णिमा पांडे, दीपिका श्रीपाल, हिरेंद्र सारंग और गौरव तोमर शामिल हैं।

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के सचिव सहदेव यादव ने कहा है कि राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता रवि कुमार कतालु और 4 अन्य भारोत्तोलकों पर लगे 4 साल के प्रतिबंध का टोक्यो में अगले साल होने वाले ओलम्पिक में भारत के कोटा स्थान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भी रजत पदक जीतने वाले रवि, जूनियर राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता पूर्णिमा पांडे, हिरेंद्र सारंग, दीपिका श्रीपाल और गौरव तोमर को प्रतियोगिता के दौरान और इतर हुए परीक्षण में प्रतिबंधित पदार्थों के लिए पाजीटिव पाया गया है।

रवि कुमार को प्रतिबंधित पदार्थ ओस्टेरिन के लिए पाजीटिव पाया गया। ओस्टेरिन एक ‘सिलेक्टिव एंड्रोजेन रिसेप्टर माड्युलेटर (एसएआरएम)’ है जो मांसपेशियों को बढ़ा सकता है। उन्हें इस साल विशाखापत्तनम में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान हुए परीक्षण में पाजीटिव पाया गया। यादव ने रवि कुमार के निलंबन की पुष्टि की लेकिन इन अटकलों को बकवास करार दिया कि आईडब्ल्यूएलएफ पर 2020 ओलंपिक कोटा स्थान गंवाने का खतरा मंडरा रहा है। यादव ने कहा, ‘हां, रवि कुमार कतालु को चार साल के लिए निलंबित किया गया है। उसे एसएआरएम के लिए पाजीटिव पाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आपको नियम स्पष्ट कर दूं। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान हुए डोपिंग उल्लंघनों को ही गिना जाता है जहां वाडा भारोत्तोलनों का परीक्षण करता है। नाडा की सजा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वैध नहीं होती।’ यादव ने कहा, ‘इसलिए इस सजा को नहीं गिना जाएगा और मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि जब तक टोक्यो ओलंपिक के कोटा स्थान का सवाल है तो भारतीय भारोत्तोलक सुरक्षित हैं।’
यह है नियम
अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के नए नियमों के अनुसार अगर 2008 और 2020 के बीच अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में (जहां वाडा ने परीक्षण किया हो) किसी देश के 20 या उससे अधिक खिलाड़ी डोपिंग उल्लंघन के दोषी पाए जाते हैं तो वह देश सिर्फ एक पुरुष और एक महिला भारोत्तोलक को ही ओलंपिक में भेज सकता है। 20 से कम डोपिंग उल्लंघन वाले देश दो पुरुष और दो महिला खिलाड़ियों को भेज सकते हैं। यह नई नीति पिछले साल प्रभावी हुई थी जब अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने डोपिंग रिकार्ड में सुधार करने में विफल रहने पर खेल को पेरिस 2024 खेलों के ओलंपिक कार्यक्रम से हटाने की धमकी दी थी।

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