कमाल की अंकिता ध्यानी

राष्ट्रीय स्तर पर 10 गोल्ड और 2 सिल्वर जीते
कोटद्वार।
अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कामयाबी मिल ही जाती है। पौड़ी के दूरदराज के इलाक़े में रहने वाली 18 साल की अंकिता ध्यानी की कहानी यही बताती है। कोटद्वार से 70 किलोमीटर दूर जयहरीखाल ब्लॉक के दूरस्थ इलाके मेरुड़ा की रहने वाली अंकिता आज देश भर में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही है। 18 साल की आयु में अंकिता राष्ट्रीय स्तर पर 10 गोल्ड और दो सिल्वर पदक जीत चुकी है। यह खेलो इंडिया साई अकेडमी, भोपाल में ट्रेनिंग कर रही है। 

अंकिता बताती है कि उसे खेलों से प्यार आठ साल की उम्र में ही हो गया था। उस समय उसके इलाके में कोई मैदान नहीं था सो वह सड़क पर दौड़ लगाकर तैयारी किया करती थी। स्कूल स्तर पर जीत हासिल करते हुए अंकिता ने रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि में स्थित बालिका एथलेटिक्स हॉस्टल के लिए ट्रायल दिया और उसमें चुनी गई। पहले साल ही ट्रेनिंग के बाद अंकिता नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही।
16 साल की उम्र में अंकिता नेशनल जूनियर गेम्स में 1500 मीटर, 3000 मीटर और 5000 मीटर की दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियन बन गई। 2016-17 में अंकिता ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में आयोजित 3000 मीटर की दौड़ में गोल्ड जीता। अंकिता खेलो इंडिया प्रतियोगिता में अंडर 19 की 3000 मीटर  दौड़ में भी गोल्ड मेडल हासिल कर उत्तराखंड का नाम रोशन कर चुकी है। खेलो इंडिया में स्वर्णिम सफलता हासिल करने के बाद भोपाल में खेलो इंडिया अकादमी के लिए अंकिता का चयन हुआ जहां वह अपनी प्रतिभा को और निखार रही है। अंकिता का अगला लक्ष्य अंडर 19 में जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप में 1500 मीटर दौड़ में गोल्ड लाना है। अंकिता कहती है कि पहाड़ों में प्रतिभाओं की कोई कोई कमी नहीं है ज़रूरत उन्हें निखारने और सही मार्गदर्शन देने की है।

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