बिना भत्ते के वेस्टडीज गई थी भारतीय महिला टीम

ऐसे हल हुई समस्या
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की नई टीम शर्मिदगी से तब बच गई जब भारतीय महिला टीम दैनिक भत्ता न मिलने के कारण वेस्टइंडीज में फंस गई थी. तीन वनडे और पांच टी-20 मैचों की सीरीज खेलने गई भारतीय महिला टीम दैनिक बिना भत्ते के ही वेस्टइंडीज चली गई थी. वहां संकट आने के बाद (बीसीसीआई) के नए अधिकारी जल्द ही हरकत में आए और मिताली राज एवं उनकी टीम के खाते में भत्ते जमा कराए. जहां महिला क्रिकेट के प्रभारी सबा करीम के रवैए के कारण लड़कियों को बिना भत्ते के कारण सीरीज खेलने जाना पड़ा तो वहीं नए अधिकारियों ने बुधवार को जल्द से जल्द खिलाड़ियों के खाते में राशि जमा कराकर परेशानी को हल निकाला, तब जाकर महिला टीम को राहत मिली.

क्या पुरानी टीम थी जिम्मेदार?

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, "सीओए के तहत काम को लेकर बहुत अच्छी बातें हुई और उसके बावजूद हमें ऐसा दिन देखना पड़ा जब हमारी लड़कियां बिना पैसों के विदेशी सरजमी पर मौजूद थीं. इसका कौन जि़म्मेदार है? यदि पूरी वित्तीय प्रक्रिया 18 सितंबर को शुरू की गई थी, तो दस्तावेजों के पूरा होने में 24 अक्टूबर तक का समय क्यों लगा? अगर यह नए पदाधिकारियों ने मुस्तैदी नहीं दिखाई होती तो हम लड़कियों को बिना भत्ते के संघर्ष करते हुए देखते."
कौन है जिम्मेदार
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "यदि मेरी गणना सही है, तो अनुमति लेने के लिए करीम को 23 सितंबर को पहला मेल भेजा गया था. उन्हें 25 सितंबर को रिमाइंडर भेजा गया और दूसरा रिमाइंडर 24 अक्टूबर को भेजा गया. अखिरकार उन्होंने सीएफओ से आज्ञा लेने के लिए उन्हें एक ईमेल भेजा. क्या यही वह पेशेवर सेट-अप है जिसके बारे में सीओए समय-समय पर बात करता है?"

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