छह महीने में ही बर्खास्त हुए कुश्ती कोच करीमी

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने पुरुष फ्रीस्टाइल कोच हुसैन करीमी को 6 महीने में ही बर्खास्त कर दिया है। डब्ल्यूएफआई का दावा है कि ईरान का यह कोच अपने साथ वीआईपी संस्कृति लेकर आया है जिसका देश में पालन नहीं किया जा सकता। करीमी का अनुबंध टोक्यो ओलंपिक तक था। ईरान के इस कोच को उनकी बर्खास्तगी का नोटिस बुधवार को सौंपा गया।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, ‘वह वीआईपी संस्कृति का पालन कर रहे थे और उनकी मांगों को मानना बेहद मुश्किल हो गया था। हमने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को इसकी जानकारी दे दी है। हम अब नया कोच ढूंढ रहे हैं।’ वह कभी कोचों या पहलवानों के साथ रिश्ते नहीं बना पाए।
तोमर ने कहा, ‘उनकी हमेशा कोई ना कोई शिकायत या मांग होती थी। उन्होंने साइ परिसर में रहने से इनकार कर दिया जहां राष्ट्रीय शिविर चल रहा था। हमें साइ केंद्र के समीप उनके लिए फ्लैट किराए पर लेना पड़ा। वह जब भी भारत में यात्रा करते थे तो हमें उन्हें कार मुहैया करानी पड़ती थी।’
उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा टूर्नामेंटों के दौरान अकेले रहने पर जोर देते थे जबकि अन्य कमरे साझा करते थे।’ करीमी को 3500 डॉलर के मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था लेकिन उनकी अतिरिक्त मांगों के कारण खर्चे 5000 डॉलर पहुंच गए थे। करीमी का अपने शिष्यों तक के साथ कोई लगाव नहीं था।
तोमर ने कहा, ‘टूर्नामेंट के दौरान वह मैट पर जाते थे लेकिन पहलवानों का पसीना साफ करने से इनकार कर दिया। यहां तक कि शिविर में ट्रेनिंग के दौरान इसी कारण से वह उदारण के साथ तकनीक नहीं समझाते थे क्योंकि उन्हें पसीने से तर-बतर पहलवानों को छूने में समस्या थी।’

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