मेरीकाॅम और युवा मुक्केबाजों से पदक की उम्मीद

उलान उदे (रूस)। 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकाॅम अपने अनुभव की बदौलत बृहस्पतिवार को यहां से शुरू हो रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में एक बार फिर पदक की दावेदार होंगी जबकि भारत को युवा खिलाड़ियों से भी पदक की उम्मीद होगी। मणिपुर की 36 साल की मेरीकोम का करियर शानदार रहा है लेकिन वह 51 किलोग्राम वर्ग में विश्व खिताब नहीं जीत पाई हैं और रूस के शहर में वह इस खिताब को भी अपनी झोली में डालना चाहेंगी।

मेरीकोम ने 51 किलोग्राम वर्ग में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद ओलंपिक कांस्य पदक और एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता है। पूर्व चैंपियन एल सरिता देवी (60 किग्रा) पर भी सभी की नजरें होंगी। उन्होंने ट्रायल में शानदार प्रदर्शन करते हुए पिछली बार की कांस्य पदक विजेता और अपने से कहीं अधिक युवा सिमरनजीत कौर को हराया। एशियाई चैंपियनशिप की 8 बार की पदक विजेता साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के पहले एथलीट आयोग की सदस्य बनने की दौड़ में भी शामिल हैं। इसके लिए मतदान इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के दौरान ही होगा। उनके आयोग में जगह बनाने की पूरी उम्मीद है क्योंकि एशिया से कोई और नामांकन नहीं है। इंडिया ओपन की स्वर्ण पदक विजेता नीरज (57 किग्रा) और जमुना बोरो (54 किग्रा) उनके 5 मुक्केबाजों में शामिल हैं जो इस प्रतियोगिता में पदार्पण करेंगी और उलटफेर करने में सक्षम हैं। इसके अलावा 75 किलोग्राम वर्ग में पूर्व एशियाई चैंपियन स्वीटी बूरा पर नजरें रहेंगी। उन्होंने 2014 में इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमार ने बताया, ‘टीम में अच्छा मिश्रण है। पिछली बार हमने 4 पदक जीते थे, देखते हैं पदार्पण करने वाली मुक्केबाज इस बार चुनौती को लेकर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं।’

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