मनु भाकर ने खोला अपनी और सौरभ चौधरी की सफलता का राज

भारत की युवा महिला निशानेबाज मनु भाकर ने कहा कि सौरभ चौधरी और उनके बीच कम बातचीत से दोनों को रेंज पर फायदा होता है और इसी कारण यह जोड़ी इस साल आईएसएसएफ के चारों विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे हैं। इस जोड़ी ने पहली बार जनवरी-2019 में एक साथ बंदूक थामी थी और हाल ही में ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरियो में दो सितंबर को आईएसएसएफ विश्व कप में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। 
मनु के मुताबिक दोनों के बीच कम बातचीत होती है जो फायदेमंद साबित हुई है। मनु ने कहा, “हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। हम ज्यादा बात नहीं करते हैं और न ही ज्यादा संपर्क में रहते हैं। इस कारण हम एकाग्र भी रहते हैं और मुझे लगता है कि इससे हमें अच्छा स्कोर करने में मदद मिलती है।” मनु ने हालिया जीत को बेहतरीन बताया है। फाइनल में मनु और सौरभ ने भारत की ही यशस्विनी देसवाल और अभिषेक वर्मा को हराया है।

शुरुआत में मनु-सौरभ की जोड़ी पीछे चल रही थी लेकिन इन दोनों ने दमदार वापसी की। मनु ने इस पर कहा, “इसकी उम्मीद नहीं थी क्योंकि वह दोनों बड़े अंतर से आगे चल रहे थे। हमने उम्मीद खो दी थी और फिर एक-एक शॉट के जरिए हमने भरपाई करना शुरू किया। अचानक से घोषणा हुई कि हम जीत गए। यह शानदार था।”
मनु ने कहा कि उनका पिछड़ना एक तरह से अच्छा रहा। 17 साल की मनु ने कहा, “मैं सौरभ के बारे में नहीं जानती, लेकिन मैं दबाव महसूस कर रही थी। मैं बस सोच रही थी कि जो कुछ भी हो मुझे बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।” उन्होंने कहा, “पदक हमेशा कुछ न हासिल करने से बेहतर होता है। पूरे साल मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है। कई बार मैं पदक से चूकी लेकिन ठीक है, यह सब खेल प्रक्रिया का हिस्सा है।”
सौरभ और मनु की सफलता का मतलब है कि यह दोनों अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में पदक के दावेदार माने जाने लगे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अगले टूर्नामेंट पर ध्यान देती हूं जो एशियन चैम्पियनशिप है। मैं सीधे ओलम्पिक के बारे में नहीं सोच रही। 

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