नारी शक्ति व मित्रता का संदेश दे रही आरोही

दो महासागर पार करने वाली दुनिया की पहली महिला

आरोही पंडित ने अपने छोटे से विमान में अकेले उड़ान भर प्रशांत महासागर पार कर बड़ा कारनामा किया है। वे इससे पहले अटलांटिक महासागर भी पार कर चुकी हैं। वे दोनों महासागर अकेले पार करने वाली विश्व की पहली महिला बन गई हैं। 23 साल की आरोही ने अलास्का के उनालाक्लीट शहर से रूस के एनेडर एअरपोर्ट तक करीब 1100 किमी की दूरी अपने लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट (एलएसए) के जरिए 3.50 घंटे में मापी। मुंबई में बोरीवली की रहने वाली आरोही ने लैंडिंग के बाद तिरंगे के साथ अपनी तस्वीर जारी की। इस उपलब्धि के बाद उन्होंने प्रशांत महासागर को पार करना रोमांचक अनुभव बताया। वे अपने विमान से पृथ्वी का चक्कर लगाने निकली हैं। इसे वूमेन एम्पावर-एक्सपीडीशन (वी) नाम दिया है। 28 अगस्त 2018 को यह अभियान शुरू हुआ था। अब तक आरोही 29500 किमी और 20 देशों को पार कर चुकी हैं। अब वे रूस से भारत लौटकर 37 हजार किमी लम्बे अभियान को पूरा करेंगी और साथ ही नारी शक्ति व मित्रता का संदेश देंगी।

आरोही इससे पहले 13 मई को स्कॉटलैंड के विक से तीन हजार किमी की दूरी की और तय करते हुए 14 मई को कनाडा पहुंचीं। ऐसा कर उन्होंने अटलांटिक महासागर पार करने का रिकॉर्ड बनाया था। उड़ान से पहले वे सात महीने का प्रशिक्षण ले चुकी हैं। भारत, ग्रीनलैंड, सर्बिया, इटली व विभिन्न महासागरों से ऊंची उड़ान भरते हुए उन्होंने विषम मौसम, भीषण सर्दी, हिम आदि में अपनी शारीरिक व मानसिक क्षमताओं को बनाए रखना सीखा। 

माही: बाइक जितना भारी
उड़ान के दौरान आरोही एलएसए का उपयोग करती हैं, जिसे माही नाम दिया है। यह सिंगल इंजन साइनस912 विमान मात्र 400 किलो यानी किसी बुलेट बाइक जितना वजनी है। माही अपनी श्रेणी में डीजीसीए में पंजीकृत पहला विमान माना जाता है।
डेट लाइन का रहस्य : लगे 3.50 घंटे, घटा एक दिन
20 अगस्त मंगलवार दोपहर 2 बजे उनालाक्लीट से उड़ान भर कर आरोही 3.50 घंटे बाद एनेडर एअरपोर्ट पहुंचीं थीं। लेकिन तब एनेडर में समय 21 अगस्त बुधवार दोपहर 01.54 हो रहा था। यानी करीब 24 घंटे बीत चुके थे। ऐसा वैश्विक डेट लाइन पार करने की वजह से हुआ, जिसे ‘लाइन ऑफ कन्फ्यूजन’ भी कहा जाता है। इस लाइन को पार करने पर तारीख बदली जाती है।

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