अन्य खेलों को मिले प्रोत्साहन

‘उड़नपरी’, ‘ढिंग एक्सप्रेस’ और ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से जाने जानी वाली हिमा दास ने एक के बाद एक पांच गोल्ड देश की झोली में डाल दिये, यह एक बड़ी उपलब्धि है। आज देश का सीना गर्व से फूला हुआ है, जिसका कारण केवल हिमा दास है। सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह क्रिकेट की भांति अन्य खेलों के लिए भी उचित संसाधन उपलब्ध कराए। निस्संदेह समाज भी इन खेलों को प्रोत्साहित करे ताकि इन्हें बढ़ावा मिल सके। फलतः कई हिमा दास देश का नाम सुनहरे पन्नों पर लिख देंगी। वह पल देश के लिए गौरव का पल होगा।

जहां एक तरफ क्रिकेटर करोड़ों कमा रहे हैं तो वहीं अन्य खेलों के खिलाड़ी घर भी मुश्किल से चला रहे हैं। क्रिकेट विश्व कप हाथ से गया तो इसका सबको बहुत दुख है लेकिन हिमा दास ने भारत को पांच गोल्ड मेडल जिताये, उसकी ख़ुशी की कोई लहर नहीं। आखिर सरकार अन्य खेलों को प्रोत्साहित क्यों नहीं कर रही है? सरकार को अन्य खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं करवानी चाहिए। मीडिया अन्य खेलों के बारे में लोगों को अवगत करवाए। अच्छी नौकरियां देने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करनी होगी। मीडिया हिमा दास जैसे देश को गौरवान्वित करने वाले खिलाड़ियों को भी आगे लाये। हमें भी अन्य खेलों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना होगा।

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