भारतीय बल्लेबाजों ने अंग्रेजों के पस्त किए हौसले

शुभमन गिल, रविन्द्र जड़ेजा, वाशिंगटन सुन्दर के शानदार सैकड़ों से चौथा टेस्ट ड्रा
खेलपथ संवाद
मैनचेस्टर। कप्तान शुभमन गिल की साहसिक शतकीय पारी के बाद रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की शतकीय पारियों से इंग्लैंड के खिलाफ भारत 5 मैचों की श्रृंखला का चौथा टेस्ट रविवार को ड्रॉ कराने में सफल रहा। अंतिम दिन अंग्रेज गेंदबाजों ने जीत के लिए खूब कोशिश की लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के सामने उनकी एक न चली।
पहली पारी में 311 रन के बड़े अंतर से पिछड़ने वाली भारतीय टीम ने दूसरी पारी में बिना खाता खोले दो विकेट गंवाने के बावजूद 4 विकेट पर 425 रन बनाए। कप्तान शुभमन गिल (103) और लोकेश राहुल (90) के बीच तीसरे विकेट के लिए 188 रन की साझेदारी के बाद रविंद्र जडेजा (नाबाद 107) व वाशिंगटन सुंदर (नाबाद 101) ने 5वें विकेट के लिए 203 रन की अटूट साझेदारी कर इंग्लैंड को मैच में वापसी का मौका नहीं दिया। इंग्लैंड हालांकि श्रृंखला में 2-1 से आगे है। इसका आखिरी मैच 31 जुलाई से द ओवल मैदान पर खेला जाएगा।
गिल शायद शारदुल को नहीं, कुलदीप को खिलाना चाहते थे: सुनील गावस्कर
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि शुभमन गिल को अंतिम एकादश चुनने में शायद अंतिम फैसला लेने का अधिकार नहीं था। यह फैसला पूरी तरह से कप्तान का होना चाहिए। मुख्य कोच सहित किसी और का इस पर प्रभाव नहीं होना चाहिए।
बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को लगातार टीम में नहीं चुने जाने पर तीखी बहस छिड़ गई है। विशेषकर जो रूट के मौजूदा चौथे टेस्ट में रिकॉर्ड शतक के बाद जहां वह रिकी पोंटिंग को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। रूट के नाम अब 13,409 रन हैं और केवल सचिन तेंदुलकर (15,291 रन) उनसे आगे हैं।
गावस्कर ने कहा कि आखिरकार, यह कप्तान की टीम होती है। हो सकता है कि शुभमन शारदुल को टीम में नहीं चाहते थे। वह कुलदीप को चाहते थे। रूट को 2018 में मैनचेस्टर और लॉर्ड्स में दो सीमित ओवरों के मैच तीन गेंद पर दो बार आउट करने के बावजूद कुलदीप अब तक पूरी टेस्ट श्रृंखला में बाहर रहे हैं। आम धारणा यह है कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ऐसे गेंदबाजों पर जोर दिया है जो बल्ले से योगदान दे सकें, विशेषकर हेडिंग्ले टेस्ट में भारत के तीन विकेट पर 430 रन बनाने के बावजूद अगले 11 ओवर में 471 पर ऑल आउट होने के बाद।
गावस्कर का मानना था कि कुलदीप को एकादश का हिस्सा होना चाहिए था। उसे टीम में मिलना चाहिए था। वह कप्तान है। लोग उसके और उसकी कप्तानी के बारे में बात करेंगे। इसलिए यह फैसला असल में उसका ही होना चाहिए। पूर्व भारतीय कप्तान का यह भी मानना था कि आंतरिक मतभेदों या चयन के मुद्दों को जानबूझकर छुपाया जा सकता है, जिससे यह दिखाया जा सके कि ड्रेसिंग रूम में ‘सब कुछ ठीक है'।
मुझे पता है कि सब कुछ ठीक-ठाक दिखाने के लिए ये बातें शायद सामने न आएं। सच तो यह है कि कप्तान जिम्मेदार है। वही एकादश का नेतृत्व करेगा। यह सामान्य सी बात है। उनके कप्तानी कार्यकाल में चीजें अलग तरह से होती थीं, जब टीम का चयन पूरी तरह से कप्तान का विशेषाधिकार होता था। कोच की अवधारणा ही नहीं थी क्योंकि सब कुछ मैनेजर और सहायक मैनेजरों के बारे में था।
दुनिया में किसी भी नई टीम को सामंजस्य बिठाने में लगता है समयः कपिल देव
महान क्रिकेटर कपिल देव ने शनिवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला युवा भारतीय कप्तान शुभमन गिल के लिए एक सीखने का शानदार अनुभव होगा। उन्होंने आलोचकों से उन्हें नेतृत्व के मामले में परिपक्व होने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया। गिल को पांच मैचों की इस श्रृंखला से पहले टीम का कप्तान बनाया गया था।
उन्होंने बर्मिंघम में टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई, लेकिन भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे है। मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट में टीम मुश्किल में दिख रही है। पीजीटीआई के अध्यक्ष कपिल देव ने 2025 के दूसरे भाग के कार्यक्रम की घोषणा के इतर कहा कि उसे समय दो। यह उसकी पहली श्रृंखला है, वह गलतियां करेगा और समय के साथ कई सकारात्मक बातें भी होंगी, वह सीखेगा। वह अगर सीख रहा है तो कोई समस्या नहीं है। वह अपनी गलतियों से सीख रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह एक युवा टीम है, इन्हें खेलने का मौका मिल रहा है और आने वाले दिनों में ये खिलाड़ी जीतेंगे। यह बस एक नई टीम है। दुनिया में किसी भी नई टीम को सामंजस्य बिठाने में समय लगता है। गिल एक नए कप्तान हैं, और वे बहुत कुछ सीखेंगे और मुझे लगता है कि यह श्रृंखला सीखने का एक कदम होगी। कपिल देव तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के तीन मैचों में खेलने के फैसले का समर्थन किया। बुमराह ने चोट से बचने के लिए पांच मैचों की इस श्रृंखला के केवल तीन टेस्ट खेलने का विकल्प चुना था। भारत को 1983 में विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हर कोई अलग है।
समय बदल गया है। सब का शरीर अलग हैं। वे अलग तरह से काम कर रहे हैं। सब को एक तराजू में तोलना सही नहीं हैं। वह हमारे पास मौजूद तेज गेंदबाजों में से एक है। उसका एक्शन काफी अलग है और ऐसे में फिटनेस बनाए रखना मुश्किल है। हमने नहीं सोचा था कि उसका करियर इतना लंबा होगा क्योंकि वह शरीर पर बहुत अधिक जोर डालता है। इसके बावजूद भी वह भारतीय टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। यह शानदार है।
इस टेस्ट में पदार्पण कर रहे अंशुल कंबोज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी से पहले ही मैच में प्रदर्शन में चमत्कार की उम्मीद करना अनुचित है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के बारे में पूछे जाने पर कपिल ने कहा कि वह भारतीय हरफनमौला रविंद्र जडेजा को स्टोक्स से बेहतर खिलाड़ी मानते हैं। कपिल ने कहा कि मैं तुलना नहीं करना चाहता। स्टोक्स एक अच्छे ऑलराउंडर हैं, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि जडेजा उनसे आगे हैं। वह कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।