राजनीति में रुचि नहीं, टीम इंडिया का कोच बनने से नहीं परहेज

दादा सौरव गांगुली ने कहा- विदेश में धमाल मचाएंगे शुभमन गिल

खेलपथ संवाद

कोलकाता। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली राजनीति में नहीं जाना चाहते, लेकिन भारतीय टीम का कोच बनने से उन्हें ऐतराज नहीं है। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में बात की। क्या वह भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनना चाहेंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने इसके बारे में सोचा नहीं, क्योंकि मैं अलग-अलग भूमिकाओं में रहा हूं।

मैंने 2013 में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना छोड़ा और फिर बीसीसीआई अध्यक्ष बन गया।’ उनसे जब कहा गया कि वह कोच बनकर और भी योगदान दे सकते थे, तो गांगुली ने कहा,‘देखते हैं कि आगे क्या होता है। मैं 50 (53) साल का ही हूं। देखते हैं कि क्या होता है। मुझे इससे ऐतराज नहीं है। देखते हैं।’

यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले क्या वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ेंगे, उन्होंने मुस्कुराकर कहा,‘मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।’ अगर उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने की पेशकश की जाये तो? इस पर भी उन्होंने कहा,‘मेरी कोई रूचि नहीं है।’ गांगुली ने मौजूदा कोच गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए कहा कि दुबई में चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद से उन्होंने लय पकड़ ली है।

दादा गांगुली ने कहा- विदेश में धमाल मचाएंगे शुभमन गिल

कोलकाता। इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में शुभमन गिल के ‘फुटवर्क’ से बेहद प्रभावित पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को उम्मीद है कि अगर लीड्स में टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच के पहले दिन की तरह ही उनके पैरों की मूवमेंट शानदार रही तो यह युवा भारतीय कप्तान विदेशी परिस्थितियों में भी ढेरों रन बनाएगा।

कप्तान के तौर पर अपना पहला टेस्ट खेल रहे गिल ने नाबाद 127 रन की शानदार पारी खेली जिसमें कई बेहतरीन ड्राइव शामिल रहे। भारत ने पहले दिन का खेल तीन विकेट पर 359 रन पर समाप्त किया जिससे इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर नजर आया। घरेलू गेंदबाजों ने ज्यादातर ‘मिडिल और ऑफ’ स्टंप लाइन पर फुल लेंथ की गेंदबाजी की और गिल ने चुनौती का सामना शानदार तरीके से किया और कुछ बेहतरीन ड्राइव लगाए।

गांगुली ने पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं विदेशी सरजमीं पर उनके पैरों की मूवमेंट देखकर बहुत खुश हूं, विदेशी धरती पर इसमें काफी सुधार हुआ है। शुभमन के पैर का मूवमेंट शानदार था, उन्होंने कोई गलती नहीं की।” इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड को उस विकेट पर (पहले) गेंदबाजी नहीं करनी चाहिए थी और उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी नहीं की। उनके (गिल के) पैरों का मूवमेंट शानदार था, मुझे उम्मीद है कि यह उनके लिए स्थायी बात होगी क्योंकि अगर वह इंग्लैंड और विदेशी परिस्थितियों में इसी तरह बल्लेबाजी करते रहे तो वह बहुत रन बनाएंगे।”

गांगुली ने कहा, ‘‘अगर वह इसी तरह खेलते रहे तो उनका औसत भी 40-45 तक बढ़ जाएगा, यह पारी उन्हें काफी आत्मविश्वास देगी क्योंकि आपका आत्मविश्वास आपके प्रदर्शन के आधार पर बनता है, कल जिस तरह से वह स्विंग से निपट रहे थे उनकी तकनीक काफी अच्छी थी।” इस श्रृंखला को भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है जिसमें गिल की अगुआई वाली टीम दिग्गज विराट कोहली, रोहित शर्मा और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बिना खेल रही है। इसे बदलाव का कठिन दौर माना जा रहा है लेकिन इसकी शुरुआत शानदार रही है।

गांगुली ने कहा कि वह सहज बदलाव के बारे में कभी चिंतित नहीं थे क्योंकि भारत में मजबूत घरेलू ढांचे की बदौलत बहुत प्रतिभा है। गांगुली ने कहा, ‘‘मैं भारतीय क्रिकेट के बारे में कभी चिंतित नहीं था। कोई ना कोई भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएगा। मैं यशस्वी (जायसवाल) को देखकर हैरान नहीं हूं क्योंकि मैं उन्हें शानदार बल्लेबाज मानता हूं। वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे सभी प्रारूपों में खेलना चाहिए।”

जायसवाल अपने टेस्ट करियर की शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 101 रन की पारी खेलकर अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी और भारत को पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने का मंच प्रदान किया। जायसवाल ने साथी सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (42) के साथ पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़े। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यशस्वी के प्रदर्शन से हैरान नहीं हूं क्योंकि मैंने उसे ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज और भारत में खेलते देखा है। उम्मीद है कि वह इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेगा लेकिन शुभमन गिल का सुधार सराहनीय है।”

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गांगुली ने कहा, ‘‘शुभमन गिल और स्वदेश से बाहर उनकी बल्लेबाजी, मैं आपको बता रहा हूं कि भारत में काफी प्रतिभा है, अभी चार-पांच खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें मौका मिलने पर वे रन बनाएंगे।” गांगुली को लगता है कि कोहली जैसे खिलाड़ी की जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन गिल के स्तर को देखकर वह हैरान नहीं हैं। गिल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की जिस क्रम पर कोहली खेलते थे। गांगुली ने कहा, ‘‘विराट एक स्तरीय खिलाड़ी है, उनका विकल्प खोजने में समय लगेगा। लेकिन मैंने शुभमन के साथ जो देखा उससे मैं हैरान नहीं था। व्यवस्था, घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता, लीग, संघ द्वारा खिलाड़ी को विकसित करने में लगाए जाने वाला समय और पैसे की वजह से भारतीय क्रिकेट में बहुत अधिक गुणवत्ता है।”

पूर्व भारतीय कप्तान ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के दृष्टिकोण में आए बदलाव को भी पसंद किया जिसमें उन्होंने अपनी स्वाभाविक आक्रामक प्रवृत्ति पर लगाम लगाई है। गांगुली ने कहा, ‘‘ऋषभ तेज गेंदबाजी अच्छी तरह से खेलता है, मुझे ऑस्ट्रेलिया में उसकी बल्लेबाजी पसंद नहीं आई, वह बहुत सारे शॉट खेल रहा था। कल (शुक्रवार) उसने खुद को रोककर बल्लेबाजी की, उसने अपनी ताकत के हिसाब से अपने खेल को नियंत्रित किया, वह टेस्ट में एक बेहतरीन खिलाड़ी है और तीनों प्रारूपों में खेलेगा।” अगर जसप्रीत बुमराह की फिटनेस की बात नहीं होती तो यह तेज गेंदबाज इस श्रृंखला में भारत की अगुआई कर सकता था। मगर वह सभी पांच टेस्ट खेलने के बारे में सुनिश्चित नहीं थे।

गांगुली को लगता है कि बुमराह को निश्चित रूप से ‘चौथा और पांचवां टेस्ट’ खेलना चाहिए और गिल को अन्य विकल्पों का समझदारी से उपयोग करके उन्हें कुछ राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ पहला टेस्ट है, शुभमन को मैच से पहले फैसला करना था, चार तेज गेंदबाज हैं जो बुमराह को भी कुछ राहत और समर्थन देंगे, अन्यथा वह (बुमराह) अकेले 20 ओवर गेंदबाजी करते थे जिसके कारण वह तीन टेस्ट भी नहीं खेल पाते।” गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि संयोजन सही है और साथ ही अगर शार्दुल लंबे स्पैल गेंदबाजी कर सकते हैं तो बुमराह को छोटे स्पैल में विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।”

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