प्रज्ञानंद ने सुपरबेट शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट जीता

टाइब्रेकर से हुआ विजेता का फैसला
खेलपथ संवाद
बुकारेस्ट (रोमानिया)। भारत के आर प्रज्ञानंद ने अलीरजा फिरोजा और मैक्सिम वाचियेर लाग्रेव के साथ रोमांचक टाइब्रेक प्लेआफ मुकाबला जीतकर सुपरबेट शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट अपने नाम किया। जीत के बाद प्रज्ञानंद ने एक्स पर लिखा, 'अविश्वसनीय अनुभव। अभी अभी बुकारेस्ट में सुपरबेट शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट जीता। मेरी टीम और सहयोगियों को लगातार हौसलाअफजाई करने के लिए धन्यवाद।'
प्रज्ञानंद, वाचियेर लाग्रेव और फिरोजा नौ दौर के बाद 5.5 अंक लेकर बराबरी पर थे जिससे विजेता का फैसला त्रिकोणीय टाइब्रेकर से हुआ। टाइब्रेकर में पहली दो बाजियां ड्रॉ रहने के बाद प्रज्ञानंद ने तीसरी बाजी और खिताब जीता। भारत के विश्व चैंपियन डी गुकेश चार अंक लेकर नौवें स्थान पर रहे। अब ग्रैंड शतरंज टूर का अगला टूर्नामेंट सुपर युनाइटेड रैपिड और ब्लिट्ज एक जुलाई से क्रोएशिया में खेला जाएगा।
प्रज्ञानंद के लिए साल 2018 खास रहा। वह महज 12 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए थे। वह भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने थे। इस मामले में उन्होंने विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ा था। आनंद 18 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे। प्रज्ञानंद दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने थे। उनसे आगे सिर्फ यूक्रेन के सिर्जी कर्जाकिन हैं। वह साल 1990 में सिर्फ 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे।
प्रज्ञानंद शतरंज के अलावा क्रिकेट का भी शौक रखते हैं। मौका मिलने पर वो क्रिकेट मैच खेलने भी जाते हैं। हालांकि, शतरंज में करियर बनाने के चलते उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर कोई उपलब्धि नहीं हासिल की है, लेकिन उन्हें क्रिकेट खेलने और मैच देखने का शौक है।