मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होतीः वैभव सूर्यवंशी

रात दो बजे उठती थीं मां, पिता ने छोड़ी नौकरी

खेलपथ संवाद

जयपुर। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले 14 साल के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से हर किसी का ध्यान खींचा है। उन्होंने अपने तीसरे ही मैच में शतक लगाकर यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और परिवार के समर्थन से कुछ भी संभव है।

बीसीसीआई से की गई बातचीत में वैभव ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी को साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी हूं, अपनी मां और पापा की वहज से हूं। उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ सहा और कभी हार नहीं मानी। मेरी मां रात को दो बजे उठती थीं और सिर्फ तीन घंटे की नींद में ही सारा दिन मेरे लिए मेहनत करती थीं। पापा ने तो मेरे लिए अपना काम तक छोड़ दिया। जब घर चलाने में मुश्किल आई तो मेरे बड़े भाई ने जिम्मेदारी संभाली। भगवान सब देखता है और मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

वैभव ने कहा कि पहली बॉल पर सिक्स लगाना मेरे लिए नई बात नहीं थी। मैं इससे पहले भी अंडर-19 और घरेलू मैचों में ऐसा कर चुका हूं। अगर गेंद मेरे रडार में होती है, तो मैं उसे मारने से नहीं चूकता। मेरे मन में सिर्फ एक ही बात होती है कि बॉल को अच्छे से देखना और सही शॉट खेलना।

वैभव ने कहा कि परिवार को पूरा भरोसा था कि वह जरूर कुछ बड़ा करेगा। वैभव ने भी अपने सपनों को साकार करने के लिए जमकर मेहनत की। वे कहते हैं कि मैं नेट्स में लगातार मेहनत करता रहा। मेरा एक ही मकसद था कि राजस्थान रॉयल्स के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकूं और अपनी भूमिका तय कर सकूं।

वैभव ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल में जब उसने हिस्सा लिया तो वहां टीम के मैनेजर रोमी सर और राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ सर मौजूद थे। उन्होंने मेरी बल्लेबाजी देखी और टीम में शामिल करने का भरोसा दिया। जल्द ही उन्हें टीम में जगह मिल गई और सबसे पहले राहुल द्रविड़ से उनकी फोन पर बात करवाई गई। राहुल सर के अंडर में ट्रेनिंग करना और टीम का हिस्सा बनना, एक सामान्य खिलाड़ी के लिए सपना होता है। जब मुझे यह मौका मिला तो मैं बहुत उत्साहित था।

वैभव ने बताया कि टीम के सीनियर खिलाड़ी जैसे संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग और नीतीश राणा उनसे हमेशा बात करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं। वे मुझसे कहते हैं कि हमें तुझ पर विश्वास है, तू टीम के लिए अच्छा करेगा। इससे मेरा आत्मविश्वास हमेशा ऊंचा रहता है। हालांकि वैभव मानते हैं कि आईपीएल जैसा बड़ा मंच थोड़ा दबाव जरूर लाता है, लेकिन उन्हें कभी डर नहीं लगता।

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