स्वर्ण पदक विजेता शूटर सुरुचि ने खोले सफलता के राज

कहा- जीतू राय ने शिविर में दिए थे उपयोगी सुझाव
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। निशानेबाज सुरुचि सिंह की उंगलियों में सटीक निशाना साधने की प्रतिभा पहले से ही थी लेकिन राष्ट्रीय शिविर में पिस्टल के दिग्गज जीतू राय से मिले सुझाव से वह दक्षिण अमेरिका में आईएसएसएफ विश्व कप में कई स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं।
भारत की शीर्ष घरेलू प्रतियोगिताओं में कई पदक जीतने वाली इस 18 साल की निशानेबाज को भारतीय निशानेबाजी में अगली बड़ी खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। सुरुचि ने अपनी प्रतिभा और धैर्य से काफी प्रभावित किया है। उन्हें अपनी घरेलू सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए थोड़ी सलाह की जरूरत थी और ऐसे में उन्हें जीतू से मार्गदर्शन मिला। इस सुझाव के बाद उन्होंने बेहद ही कम समय में आईएसएसएफ विश्व कप में दो व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते। सुरुचि ने कहा, जीतू ने मुझे कुछ सुझाव दिए, जिनसे मुझे यहां बहुत मदद मिली और खेल में आगे बढ़ने के लिए ये सलाह महत्वपूर्ण हैं। मैंने उनकी सलाह का पालन किया और इसका फल मुझे मिला।
वर्तमान में राष्ट्रीय टीम के पिस्टल कोचों में से एक जीतू को सुरुचि लम्बे समय से जानती हैं। जब झज्जर की निशानेबाज ने अपने राष्ट्रीय कोच के रूप में सेना के इस पूर्व निशानेबाज को चुना तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ। सुरुचि के पिता भी सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। जीतू ने कहा, जब मैंने उसे प्रशिक्षण के दौरान निशाना साधते हुए देखा तो मैंने महसूस किया कि उसका हाथ थोड़ा बाईं ओर झुका हुआ था। अभ्यास के साथ उसने इसे जल्दी ही ठीक कर लिया।
हमने 15 दिनों तक कर्णी सिंह रेंज में प्रशिक्षण लिया और यह एक बहुत ही उपयोगी शिविर था। हरियाणा के भिवानी में द्रोणाचार्य अकादमी की छात्रा सुरुचि को अभी लम्बा रास्ता तय करना है। राष्ट्रीय राजधानी में इस उपलब्धि के बाद इस साल की शुरुआत में उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी सुरुचि ने दो स्वर्ण पदक जीते थे।