नेशनल गेम्स में पदकों का शतक लगाकर उत्तराखंड ने जमाई धाक

राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में 68 गोल्ड के साथ सेना सिरमौर
खेलपथ संवाद
देहरादून।
मेजबान उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में इतिहास रचते हुए पहली बार 100 से ज्यादा मेडल जीत लिए हैं। गोवा में हुए पिछले नेशनल गेम्स में उत्तराखंड के खाते में सिर्फ 24 मेडल आए थे, लेकिन इस बार संख्या 4 गुना से अधिक बढ़कर 100 से ज्यादा हो गई है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खेल मंत्री रेखा आर्य बेहद खुश हैं। इन खेलों की पदक तालिका में सर्विसेज नम्बर वन है। 
38वें नेशनल गेम्स मेडल टैली यानी पदक तालिका की बात करें तो सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड पहले नम्बर पर काबिज है। सर्विसेज के खाते में 68 गोल्ड, 26 सिल्वर और 27 ब्रॉन्ज मेडल सहित कुल 121 मेडल आ चुके हैं। दूसरे नम्बर पर महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र के पास 54 गोल्ड, 71 सिल्वर और 73 ब्रॉन्ज मेडल हैं। इस तरह से महाराष्ट्र की झोली में सबसे ज्यादा 198 मेडल गिर चुके हैं जबकि तीसरे नंबर पर हरियाणा है। हरियाणा के पास 48 गोल्ड, 47 सिल्वर और 58 ब्रॉन्ज सहित कुल 153 मेडल आ चुके हैं। इन खेलों की पदक तालिका में कर्नाटक चौथे तथा मध्य प्रदेश पांचवें स्थान पर है।
अगर उत्तराखंड की बात करें तो अभी तक 24 गोल्ड, 35 सिल्वर और 43 ब्रॉन्ज मेडल आ चुके हैं। अभी तक उत्तराखंड की झोली में 102 मेडल आ चुके हैं। अगर मेडल टैली की बात करें तो उत्तराखंड सातवें नंबर पर है। उत्तराखंड की टीम ने पदकों की सेंचुरी लगाकर इतिहास बना दिया है। अब उत्तराखंड 102 मेडल जीत कर सातवें स्थान पर है, लेकिन यदि मेडलों की संख्या के अनुसार देखें तो उत्तराखंड चौथे स्थान पर है जबकि, राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड सबसे ज्यादा मेडल प्राप्त करने वाले राज्यों में तीसरे नम्बर पर है। अगर कुल मेडलों की संख्या की बात करें तो उत्तराखंड से ऊपर केवल महाराष्ट्र ने 198 और हरियाणा ने 153 मेडल जीते हैं हालांकि, सर्विसेज ने भी 121 मेडल जीते हैं, लेकिन सर्विसेज की टीम किसी राज्य में काउंट नहीं होती है। उत्तराखंड से आगे कुल मेडल के मामले में केवल महाराष्ट्र और हरियाणा  हैं। 
खुशी से फूली नहीं समा रहीं खेल मंत्री
उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रदेश की सभी खिलाड़ियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पदकों की संख्या के मामले में अभी तक उत्तराखंड का सर्वाधिक स्कोर गोवा में 24 पदक रहा था। अपने पुराने बेस्ट को चार गुना से भी ज्यादा के अंतर से तोड़ना अपने आप में खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण की कहानी को बताता है।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना, पदक जीतने पर आउट ऑफ टर्म नौकरी, सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को 4% आरक्षण, पदक विजेताओं को दोगुनी इनामी राशि, खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज जैसी योजनाओं ने देवभूमि को खेल भूमि बनने की तरफ अग्रसर कर दिया है। प्रदेश के गांव-गांव से जो खेल प्रतिभाएं निखरकर इन राष्ट्रीय खेलों में आगे आई हैं, अब उन्हें एशियाड और ओलम्पिक में चैम्पियन बनाने के लिए तैयार करेंगे।
ये रहे सेंचुरी के सुपरस्टार: इन राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को कुछ ऐसे खिलाड़ी मिले, जिन्होंने गोल्ड मेडल की लाइन लगा दी. मॉडर्न पेंटाथलॉन में दो एथलीट्स सक्षम सिंह और ममता खाती ने एक ही दिन में 3-3 गोल्ड मेडल जीतकर गोल्डन हैट्रिक लगाई। जबकि, अंकिता ध्यानी ने एथलेटिक्स में झंडा गाड़ते हुए पहले 3000 मीटर स्टीपलचेज इवेंट में गोल्ड जीता उसके बाद 5000 मीटर दौड़ में भी अंकिता गोल्ड लेकर आईं। कैनोइंग और कयाकिंग में भी पी. सोनिया ऐसी खिलाड़ी रहीं, जिन्होंने 2 गोल्ड मेडल जीते।

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