एमपी और हरियाणा में होगी महिला हॉकी की खिताबी जंग

मध्य प्रदेश की हॉकी बेटियां खिताबी रक्षा को तैयार
खेलपथ संवाद
हरिद्वार।
गोवा राष्ट्रीय खेलों की ही तरह गुरुवार को उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों की महिला हॉकी का फाइनल एक बार फिर से मध्यप्रदेश और हरियाणा के बीच खेला जाएगा। बुधवार सुबह वंदना कटारिया हॉकी मैदान रोशनाबाद में मध्यप्रदेश की बेटियों ने शूट आउट में महाराष्ट्र को 4-1 से शूट कर शान से फाइनल में प्रवेश किया। दूसरे सेमीफाइनल में पिछले साल की उप-विजेता हरियाणा ने झारखंड को 3-2 से पराजित कर खिताबी दौर में जगह बनाई।
गुरुवार को हरियाणा से होने वाली खिताबी भिड़ंत में मध्यप्रदेश की बेटियां न केवल खिताब की रक्षा करने उतरेंगी बल्कि पूल मैच में मिली पराजय का बदला भी चुकता करेंगी। पिछले राष्ट्रीय खेलों में मध्य प्रदेश की बेटियों ने इसी हरियाणा को शूटआउट में पराजित कर खिताब जीता था। आज खेले गए पहले सेमीफाइनल में कप्तान करिश्मा यादव की टोली ने संयम और संघर्ष की शानदार बानगी पेश की। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच निर्धारित समय तक खेल 1-1 गोल से बराबर रहा। उसके बाद हुए शूट आउट में मध्य प्रदेश की गोलकीपर याशिका भदौरिया के शानदार बचाव के चलते महाराष्ट्र की खिलाड़ी एक भी गोल नहीं कर सकीं वहीं मध्य प्रदेश की बेटियों ऐश्वर्या, अंजली, साधना सेंगर और उपासना सिंह ने शान से गोलपोस्ट खटका कर फाइनल में कदम रखा।
आज खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से लैश हरियाणा ने पिछले राष्ट्रीय खेलों की कांस्य पदक विजेता झारखंड को 3-2 से पराजित कर खिताबी दौर में जगह बनाने में सफल रही। गुरुवार को खेले जाने वाला फाइनल दोनों ही टीमों की प्रतिष्ठा का सवाल है। मध्य प्रदेश की रक्षापंक्ति जहां मजबूत है वहीं गोलकीपर यशिका भदौरिया अभी तक फौलादी साबित हुई हैं। उम्मीद है कि फाइनल निष्पक्ष खेला जाएगा तथा पूल मैच की तरह मैदानी अम्पायर हरियाणा की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के दबाव में नहीं आएंगी। दोनों ही टीमें मजबूत हैं, अब देखना यह है कि खिताबी जश्न कौन मनाता है। मध्य प्रदेश टीम के मुख्य प्रशिक्षक परमजीत सिंह और सरोज सिंह राजपूत का कहना है कि फाइनल में भी बेटियां अच्छा खेलेंगी तथा अपने खिताब की रक्षा करने में सक्षम हैं।

 

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