मनु, प्रवीण, गुकेश और हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न

32 खिलाड़ियों  को मिलेगा अर्जुन पुरस्कार
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में हरियाणा का जलवा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैम्पियन डी गुकेश, पुरूष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को इस साल देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिये चुना गया है। 22 वर्ष की मनु एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनी जिन्होंने अगस्त में पेरिस ओलम्पिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
दो ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैम्पियन डी गुकेश समेत चार खिलाड़ियों को इस साल देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिये चुना गया है जबकि अर्जुन पुरस्कार के लिये चुने गए 32 खिलाड़ियों में रिकॉर्ड 17 पैरा एथलीट हैं। खेलरत्न पुरस्कार पाने वालों में पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार भी शामिल हैं। विजेताओं को 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कार प्रदान करेंगी। 
22 साल की मनु एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीता था। पुरस्कार की घोषणा उन खबरों के कुछ दिन बाद आई जिनमें कहा गया था कि आवेदन नहीं करने के कारण मनु के नाम की अनुशंसा नहीं की है।
पेरिस ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता। अठारह वर्ष के गुकेश शतरंज में सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने। पैरा हाई जंपर प्रवीण ने पेरिस में स्वर्ण पदक जीता था। खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले को एक मेडल, प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपये नकद मिलते हैं, जबकि अर्जुन पुरस्कार में 15 लाख रुपये नकद, अर्जुन की मूर्ति और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार पाने वालों में पहलवान अमन सहरावत, निशानेबाज स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह, हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, संजय और अभिषेक शामिल हैं। 
इनके अलावा फर्राटा धाविका ज्योति याराजी, भालाफेंक खिलाड़ी अन्नु रानी, महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे, मुक्केबाज नीतू गंघास और स्वीटी, तैराक साजन प्रकाश, वंतिका अग्रवाल और स्कवाश खिलाड़ी अभय सिंह शामिल हैं। पैरा खिलाड़ियों में धरमबीर (क्लब थ्रो), नवदीप सिंह (भालाफेंक) और नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन) पैरा तीरंदाज राकेश कुमार, पैरा निशानेबाज मोना अग्रवाल और रूबिना फ्रांसिस को भी अर्जुन पुरस्कार के लिये चुना गया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले की कोच दीपाली देशपांडे का नाम शामिल है। द्रोणाचार्य पुरस्कार (लाइफटाइम) श्रेणी में भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मैनेजर अर्मांडो कोलासो और बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन शामिल हैं।
पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को लाइफ टाइम पुरस्कार
लाइफटाइम अर्जुन पुरस्कार पाने वालों में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर शामिल हैं जिन्हें 1972 पैरालम्पिक में 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में पीला तमगा मिला था। भारत पाकिस्तान युद्ध 1965 में गोलियां लगने से विकलांग हुए पेटकर पर हाल ही में फिल्म ‘चंदू चैम्पियन’ बनी है। 
हरियाणा की मनु भाकर हो या फिर बॉक्सर स्वीटी बूरा, हॉकी खिलाड़ी संजय कालीरावण और कुश्ती के खिलाड़ी अमन सहरावत, इन सभी ने पहले बेहतरीन प्रदर्शन कर मेडल जीते और अब पुरस्कारों की सूची में इनका नाम आया। मनु भाकर ने पिता रामकिशन की इच्छा के मुताबिक बॉक्सिंग से शुरुआत की, लेकिन आंख पर पंच लगने के बाद बॉक्सिंग छोड़ दी। हिसार के सरसौद (बरवाला) गांव की बॉक्सर स्वीटी बूरा को अजुर्न अवार्ड मिलेगा। स्वीटी भाजपा ज्वाइन कर चुकी हैं। हिसार के डाबड़ा के रहने वाले संजय कालीरावण के परिवार ने गरीबी देखी है। उनके पास हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीं थे। मदद की कोच राजेंद्र सिहाग ने। चंडीगढ़ में जूनियर और सब-जूनियर टीम के कप्तान रह चुके संजय 30 से अधिक पदक जीत चुके हैं। 
झज्जर जिले को इस बार दो अवॉर्ड मिले हैं। मनु भाकर और अमन सहरावत के रूप में। मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही माता-पिता को खोने वाले अमन सहरावत ने इसी उम्र में कुश्ती की शुरुआत की थी। मां के निधन के छह महीनों के बाद पिता भी चल बसे। अमन की मौसी व परिवार के दूसरे सदस्यों ने उनका साथ दिया।

 

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