सीनियर क्रिकेटरों ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों को लताड़ा

कहा- जाने कैसी हड़बड़ी? न देखकर खेले, न रुककर खेले
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
न्यूजीलैंड ने भारत को तीसरे और अंतिम टेस्ट में 25 रन से हराकर 3-0 से सीरीज अपने नाम कर ली। यह 91 वर्ष में पहली बार है जब भारतीय टीम का अपने घर में सीरीज में तीन या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ हुआ है। भारत ने अपनी धरती पर 1933 में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली थी। 
तीसरे दिन भारत को जीत के लिए 147 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम एजाज पटेल (6/57) की स्पिन के आगे महज 121 रन पर सिमट गई। सिर्फ ऋषभ पंत ही कुछ संघर्ष कर सके। उन्होंने 57 गेंद में नौ चौके, एक छक्के की मदद से 64 रन बनाए। हालांकि, उनका आउट होना विवादास्पद रहा। पंत तीसरे अम्पायर के फैसले से खुश नजर नहीं आए। कप्तान रोहित शर्मा (11), विराट कोहली (01) एक बार फिर सस्ते में आउट हुए। ऑफ स्पिनर ग्लेन फिलिप्स ने 42 रन पर तीन विकेट लिए।
पंत ने इस सीरीज में सबसे ज्यादा 261 रन बनाए। उन्हें छोड़कर अन्य कोई भारतीय बल्लेबाज सीरीज में 200 या उससे अधिक रन नहीं बना पाया। विराट और रोहित तो 100 रन भी नहीं बना सके। कीवियों ने बंगलूरू में खेले गए पहले टेस्ट में तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर टीम इंडिया को आठ विकेट से हराया था। वहीं, पुणे और मुंबई में स्पिन की मददगार पिच पर भी भारतीय टीम हार गई। 
पुणे में न्यूजीलैंड ने भारत को 113 रन से हराया था। न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है। महान सचिन तेंदुलकर से लेकर अनिल कुंबले और युवराज सिंह तक ने टीम इंडिया की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। कुंबले ने कहा कि टीम इंडिया में कुछ गंभीर मसला है वहीं, सचिन ने भारतीय खिलाड़ियों को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में सफाए के बाद भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें काफी कम हो गई हैं। भारत को अब फाइनल में प्रवेश के लिए 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसके घर में शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 4-0 से जीतनी होगी। यह बेहद कठिन काम है। हालांकि, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में भारत अभी भी 58.33 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। 
इस सीरीज के परिणाम के बाद फाइनल में पहुंचने की दौड़ में न्यूजीलैंड, श्रीलंका और द. अफ्रीका भी हैं। हालांकि, यह समीकरण दूसरी टीमों के परिणामों पर भी निर्भर करेंगे। अगर न्यूजीलैंड और द. अफ्रीका अपनी अगली टेस्ट सीरीज ड्रॉ खेलते हैं और ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका की सीरीज भी 0-0 से बराबर छूटती है तो ऑस्ट्रेलिया से सीरीज 2-3 से हारने के बावजूद भारत फाइनल में पहुंच सकता है।
भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज से जुड़े कुछ आंकड़े
1983: के बाद भारत पहली बार घर में सीरीज में तीन टेस्ट हारा है। 1983 में वेस्टइंडीज ने छह टेस्ट की सीरीज 3-0 से जीती थी।
200: या उससे कम रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 31 टेस्ट में जीत हासिल करने के बाद भारत पहली बार घर में हारा है। 1987 में पाकिस्तान के खिलाफ 221 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए उसे बंगलूरू में 1987 में हार मिली थी।
25 विकेट: एजाज पटेल ने वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए दो टेस्ट में लिए हैं। ये एक स्थल पर भारत के खिलाफ किसी विदेशी गेंदबाज का श्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले इयान बॉथम ने वानखेड़े में ही 22 विकेट लिए थे।
133 रन: पिछली 10 टेस्ट पारियों में रोहित शर्मा ने महज 13.30 की औसत से से बनाए हैं। यह नासिर हुसैन (10.22) के बाद किसी भी कप्तान का दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है।
261 रन: ऋषभ पंत ने सीरीज बनाए, जो सर्वाधिक हैं। इनमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। भारतीय बल्लेबाजी में सिर्फ उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा।
41.22: का औसत रहा अश्विन का इस सीरीज में। उन्होंने तीन टेस्ट में नौ विकेट लिए। उन्होंने पारी में एक बार भी पांच विकेट नहीं लिए।
भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
न्यूजीलैंड की टेस्ट इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत है। उसने पहली बार टेस्ट सीरीज में तीन मैच जीते।
146 रन दूसरा सबसे कम रन का लक्ष्य है, जिसका पीछा करते हुए भारत को हार मिली। इससे पहले 1997 में ब्रिजटाउन में 120 रन का पीछा करते हुए भारत 81 पर सिमटकर वेस्टइंडीज से टेस्ट हारा था।
यह पहली बार है जब दो बाएं हाथ के स्पिनरों एजाज पटेल (न्यूजीलैंड) और रवींद्र जडेजा (भारत) ने मिलकर एक टेस्ट में चार बार पांच विकेट लिए।
1998 के बाद पहली बार भारत ने पहले पांच विकेट 7.1 ओवर में खोए। इससे पहले न्यूजीलैंड के ही खिलाफ मोहाली में 1999 में भारत ने 8.2 ओवर में पांच विकेट खोए थे।
ऋषभ पंत एक टेस्ट में की दो पारियों में कम गेंद में अर्धशतकीय पारी खेलने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने। इससे पहले यशस्वी जायसवाल और वीरेंद्र सहवाग ने ऐसा किया था।

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