मेडिकल छात्र-छात्राओं ने कूची और रंगों के माध्यम से दिखाई कल्पनाशीलता
के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई पैथार्ट प्रतिस्पर्धा, विजेता छात्र-छात्राओं को किया पुरस्कृत
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में शनिवार को पैथालॉजी विभाग द्वारा आयोजित पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में मेडिकल छात्र-छात्राओं ने शरीर के आंतरिक अंगों में रोग कैसे फैलते हैं, उसे अपनी काल्पनिक कूची और रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया। पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में के.डी. मेडिकल कॉलेज के साथ ही कई अन्य मेडिकल कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लेकर अपनी मेधा का परिचय दिया।
पैथार्ट प्रतिस्पर्धा का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) हरेन्द्र कुमार एस.एन. मेडिकल कॉलेज आगरा, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. वी.के. पांडेय, डॉ. मंजू पांडेय, विभागाध्यक्ष पैथालॉजी डॉ. प्रणीता जे. सिंह, डॉ. अम्बरीश कुमार आदि ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। मेडिकल छात्राओं ने सरस्वती वंदना तो एक छात्रा ने मां दुर्गा की स्तुति की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. हरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि शरीर की संरचना और उसकी कार्यविधि की जानकारी होना प्रत्येक मेडिकल विद्यार्थी के लिए अति आवश्यक है क्योंकि डॉक्टर का काम ही उचित निदान पर निर्भर होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कुशल चिकित्सक बनने का आह्वान किया।
डीन डॉ. आर.के. अशोका ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए पैथालॉजी विभाग के आइडियाज की सराहना की। उन्होंने कहा कि मरीज के शरीर के किस अंग में समस्या है या सही कार्य नहीं कर रहा इसके लिए पैथालॉजी का ज्ञान होना जरूरी है। अगर सर्जरी की बात करें तो शल्य चिकित्सक को यह ज्ञान होना अति आवश्यक है कि वह जिस अंग की सर्जरी कर रहा है, उसे कैसे बचाना है, कैसे पहचानना है और पैथालॉजी की जांच के माध्यम से रोग सुनिश्चित करना है। डॉ. अशोका ने सभी प्रतिस्पर्धी छात्र-छात्राओं की कलात्मक क्षमता की मुक्तकंठ से सराहना की।
डॉ. प्रणीता जे. सिंह ने पैथार्ट प्रतिस्पर्धा की जानकारी देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य यह जानना है कि भावी चिकित्सकों को पैथालॉजी की जानकारी है या नहीं। उन्होंने कहा कि माइक्रो स्कोप के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों की विकृत संरचना को सहजता से देखा जा सकता है। प्रतिस्पर्धा में के.डी. मेडिकल कॉलेज के वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 बैच के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिस्पर्धा में 23 ग्रुपों के छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी-अपनी कूची और रंगों के माध्यम से शरीर के आंतरिक हिस्सों में फैलने वाले विभिन्न रोगों को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया गया।
अंत में निर्णायक मण्डल में शामिल प्रो. (डॉ.) हरेन्द्र कुमार, डॉ. आर.के. अशोका, डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. मंजू पाण्डेय, डॉ. वी.पी. पाण्डेय तथा डॉ. प्रणीता सिंह ने सभी ग्रुप प्रतिस्पर्धियों के पोस्टरों को देखने के बाद उनसे कुछ प्रश्न भी पूछे, उसके बाद विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राओं की घोषणा की। अंत में मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य चिकित्सकों द्वारा स्पर्धा में ग्रुप नम्बर आठ (2023 बैच) को विजेता, ग्रुप नम्बर सात (2022 बैच) को उप-विजेता तथा ग्रुप नम्बर 11 और 12 (2022 बैच) को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल करने के लिए मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में शिरकत करने वाले छात्र-छात्राओं की कलात्मक क्षमता की उपस्थित विभागाध्यक्षों ने जमकर सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अम्बरीश कुमार ने किया तथा आभार आयोजन समिति की सचिव डॉ. संगीता सिंह ने माना।