अध्यक्ष पीटी ऊषा के आरोप सरासर झूठः सहदेव यादव

भारतीय ओलम्पिक संघ में विवाद चरम पर, चल रहा पत्रवार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ पर छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा और कार्यकारी सदस्यों के बीच चल रहे अविश्वास के खेल में दुनिया के सामने देश की छवि धूमिल हो रही है। पीटी ऊषा के पत्र के जवाब में आईओए कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने कहा कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार और सरासर झूठे हैं।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने आईओए कार्यकारी समिति के सदस्यों के पेरिस ओलम्पिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने के प्रस्ताव पर सहमत नहीं होने के अध्यक्ष पीटी ऊषा के दावे के लिए उन पर पलटवार करते हुए कहा उनका दावा सरासर झूठ है। ऊषा ने सोमवार को कहा था कि यह ‘बेहद चिंताजनक’ है कि कार्यकारी समिति के सदस्य ओलम्पिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने में विफल रहे और उन्होंने वित्त समिति पर पेरिस खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी के लिए दिए जाने वाले कोष को रोकने का आरोप लगाया।
पीटी ऊषा के दावों का खंडन करते हुए सहदेव यादव ने कहा, 'कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही पेरिस ओलम्पिक 2024 के पदक विजेताओं के लिए सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए लिखित में कोई आधिकारिक प्रस्ताव है।' भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव ने ऊषा पर आईओए संविधान के अनुसार जिम्मेदारी लेने के बजाय झूठ फैलाने और ‘मनगढ़ंत बातें’ करने का आरोप लगाया।
सहदेव ने कहा, 'हम यह समझ पाने में असफल हैं कि आईओए अध्यक्ष पूरे देश में झूठ क्यों फैला रही हैं। कार्यकारी समिति के सदस्यों को नीचा दिखाने के लिए जबकि इसका ना तो कोई सबूत है और ना ही कोई वास्तविक आधार है।' उन्होंने कहा, 'उनके बार-बार के प्रयास और प्रस्ताव कुछ और नहीं बल्कि सफेद झूठ हैं जिन्हें अध्यक्ष हर बार मीडिया के सामने मगरमच्छ के आंसू बहाते हुए गढ़ती रहती हैं।'
पेरिस ओलम्पिक खेलों में भारत ने युवा निशानेबाज मनु भाकर के दो कांस्य पदक सहित कुल छह पदक जीते लेकिन ऊषा ने कहा कि ‘कार्यकारी समिति उनकी सफलता का जश्न नहीं मनाना चाहती और इससे वह ‘बेहद दुखी’ हैं। ऊषा ने यह भी खुलासा किया था कि ओलम्पिक जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी के लिए दो लाख रुपये और प्रत्येक कोच के लिए एक लाख रुपये के तैयारी अनुदान के प्रस्ताव को वित्त समिति, खासकर सहदेव ने रोक दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सहदेव ने कहा, 'यह सभी की जानकारी के लिए है कि कार्यकारी समिति के सदस्यों और वित्त समिति द्वारा अनुशंसित और अनुमोदित किसी भी प्रस्ताव का भुगतान आईओए के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव द्वारा बिना किसी देरी के किया गया है।
 

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