राष्ट्रपति भवन की भव्यता देख अभिभूत हुए आरआईएस के विद्यार्थी

नयनाभिराम आध्यात्मिक तथा अमृत उद्यान की खूबसूरती को सराहा

मथुरा। देश की राष्ट्रीय धरोहरों तथा ऐतिहासिक स्थलों से रूबरू कराने के लिए विगत दिवस राजीव इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 11 कला संकाय के छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण पर नई दिल्ली ले जाया गया। शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रपति भवन की भव्यता को देखने के साथ ही वहां भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों के कृतित्व तथा व्यक्तित्व की विस्तार से जानकारी हासिल की।

शिक्षकद्वय प्रियंका चतुर्वेदी तथा सचिन सोलंकी के मार्गदर्शन में नई दिल्ली गए राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रपति भवन के साथ ही अमृत उद्यान व इण्डिया गेट का भी भ्रमण किया। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं को राष्ट्रपति भवन के प्रारम्भ में स्थित बुद्धा स्टेचू, जयपुर कॉलम, भारत रत्न जैसे अनेक अवॉर्ड दिए जाने वाली जगह दरबार हॉल, अशोका हॉल आदि की जानकारी दी गई। छात्र-छात्राओं को राष्ट्रपति भवन का आध्यात्मिक उद्यान काफी मनभावन और प्रेरणादायी लगा।

वास्तव में इस आध्यात्मिक उद्यान की संकल्पना राष्ट्रपति कलाम की है। भारत के अनेक पंथों से संबंधित यहां के पौधे और वृक्ष एक साथ उगाए गए हैं। इस उद्यान का उद्देश्य पंथीय और सांस्कृतिक मतभेदों के बावजूद सद्भावनापूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश प्रसारित करना तथा एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता अभिव्यक्त करना है। आध्यात्मिक उद्यान में प्रवेश करते ही 25 अक्तूबर, 2007 को डॉ. देवीसिंह शेखावत द्वारा रोपित रुद्राक्ष वृक्ष दिखाई देता है।

इस आध्यात्मिक उद्यान में अनेक पंथों के लिए पवित्र लगभग 40 विभिन्न पौधे और वृक्ष हैं। उद्यान की विशिष्ट प्रजातियों में खैर, बांस, चंदन, हिना, सीता-अशोक, बटर वृक्ष, मंदिर वृक्ष, कदंब, पारस, पीपल, अंजीर, खजूर, कृष्ण बरगद, चमेली, रीठा, शमी तथा बहुत से वृक्ष शामिल हैं। राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल द्वारा 13 फरवरी, 2015 को यहां एक सरोवर का निर्माण करवाया गया था। यह छोटा सा जलाशय जिसे आध्यात्मिकता को समर्पित किया गया है, में कमल और वाटर लिली की किस्में हैं।

अमृत उद्यान में विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के पौधों व फूलों के बारे में जानकारी हासिल की। उद्यान की सुन्दरता ने विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्र-छात्राओं ने वहां की शानदार वास्तुकला, हरे-भरे बागानों का भ्रमण करते हुए भारत के राष्ट्रपति की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। राष्ट्रपति भवन को देखने के बाद छात्र-छात्राओं ने इंडिया गेट पहुंच कर वहां की विस्तृत जानकारी हासिल की। शैक्षिक भ्रमण से वापस लौटे छात्र-छात्राओं ने अपने संस्मरण सुनाए तथा इसे उपयोगी बताया। अमृत उद्यान भ्रमण को विद्यार्थियों ने बहुत ही शांतिपूर्ण तथा सुखद अनुभव बताया। छात्रों ने वहां के सुंदर पुष्प-विन्यास की सराहना की। युद्ध स्मारक जाकर विद्यार्थियों ने उन सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। इस यात्रा ने उनमें गर्व और देशभक्ति की भावना को जागृत किया।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस तरह के शैक्षिक भ्रमण से बच्चों को न केवल ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी मिलती है बल्कि उनके शैक्षिक अध्ययन में प्रायोगिक उदाहरण के साथ-साथ अनुभव में भी वृद्धि होती है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सफलता हासिल करने में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं में देश की विरासत और मूल्यों के प्रति गहरी समझ विकसित होती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक यात्राओं से हासिल ज्ञान टिकाऊ होता है, वह जीवन भर याद रहता है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने  शैक्षिक भ्रमण में जो कुछ जानकारी हासिल की, उसे लिपिबद्ध जरूर कर लें ताकि यह यात्रा सदैव यादगार बनी रहे।

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