यूपी की बेटी प्रीति पाल ने लिखी नई पटकथा

देश को पहली बार पैरालम्पिक ट्रैक इवेंट में दिलाया मेडल
खेलपथ संवाद
पेरिस। पैरालम्पिक में भारत के लिए तीसरा दिन खुशियों का पैगाम लेकर आया। अवनि के स्वर्णिम आगाज के बाद मनीष नरवाल ने चांदी पर निशाना लगाया। पेरिस पैरालम्पिक में तीसरा मेडल एथलेटिक्स इवेंट में भारत को प्रीति पाल ने दिलाया। मेडल जीतने के साथ ही प्रीति ने इतिहास भी रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर टी35 स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता। पैरा खेलों में ट्रैक इवेंट में यह भारत का पहला पदक है।
प्रीति पाल ने 14.21 सेकेंड का अपना पर्सनल बेस्ट समय देकर रेस को पूरा किया। वह चीन की जिया झोउ और कियानकियान गुओ से पीछे रहीं। चीन को इवेंट का गोल्ड और सिल्वर दोनों मिले। 23 साल की प्रीति पहली बार पैरालम्पिक में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने इसी साल मई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं की 200 मीटर टी 35 में कांस्य पदक हासिल किया। अभी पेरिस पैरालम्पिक में वह 200 मीटर इवेंट में भी उतरेंगी।
प्रीति ने इस साल कोबे में हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2024 में कांस्य पदक जीता, जिससे पेरिस खेलों में जगह बनाई। वह पिछले साल हांगझोउ में हुए पैरा एशियन खेलों में दो पदक के करीब आकर चूक गई थीं। लेकिन पेरिस में पदक जीतने की मजबूत दावेदार थीं। टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनमें समन्वय संबंधी विकार जैसे हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस तथा मस्तिष्क पक्षाघात आदि शामिल होते हैं।
प्रीति ने मेडल जीतकर क्या कहा?
प्रीति ने पैरालम्पिक में अपना पहला पदक जीतने पर उत्साह और खुशी व्यक्त की और कहा कि उन्हें भारत का पहला ट्रैक पदक जीतने पर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, 'यह मेरा पहला पैरालम्पिक था और मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने पदक जीता है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने पैरालम्पिक में भारत का पहला ट्रैक पदक जीता है।'