पेरिस पैरालम्पिक में विश्व रिकॉर्ड सुधारना चाहते हैं सुमित अंतिल

जांबाज एथलीट ने 80 मीटर की दूरी नापने का बनाया है लक्ष्य
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल का लक्ष्य पेरिस पैरालम्पिक खेलों में पुरुषों के एफ-64 श्रेणी में अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार के साथ खिताब का बचाव करना है। सुमित 28 अगस्त से आठ सितम्बर तक होने वाले खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग्यश्री जाधव (गोला फेंक, एफ34 श्रेणी) के साथ भारतीय ध्वजवाहक भी होंगे। पेरिस पैरालम्पिक खेलों में भारत के 84 खिलाड़ी 12 स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक में तीन बार विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 68.55 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने इसके बाद 2023 पैरा विश्व चैंपियनशिप में 70.83 मीटर के थ्रो के साथ नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया और फिर हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में इसमें सुधार करते हुए 73.29 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता।
एफ 64 श्रेणी पैर के निचले हिस्से में विकार वाले खिलाड़ियों से संबंधित है जो प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम पैर) का उपयोग करके खड़े होने की स्थिति वाली स्पर्धा में भाग लेते हैं। सुमित ने कहा कि वह पेरिस पैरालंपिक में अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार कर स्वर्ण पदक जीतना चाहते हैं। सुमित ने कहा- अभ्यास के दौरान मेरे प्रयास काफी निरंतर रहे हैं। मैंने तकनीक में कोई बदलाव किए बिना ताकत और मजबूती बढ़ाने पर काफी मेहनत की है। मेरी कोशिश रहेगी कि अपने पिछले रिकॉर्ड को बेहतर करूं।
पिछले खेलों के चैम्पियन और भारतीय ध्वजवाहक होने के कारण दबाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा - अभी कोई दबाव नहीं है लेकिन पेरिस पहुंचने के बाद चीजों के बारे में पता चलेगा। एक बार जब आप खेल गांव या प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचते हैं तो चीजों थोड़ी अलग हो जाती है। मेरी कोशिश बिना किसी दबाव के अपना सर्वश्रेष्ठ करने की होगी।
26 साल के सुमित ने कहा - मेरा दीर्घकालीन लक्ष्य 80 मीटर की दूरी हासिल करना है लेकिन पेरिस पैरालंपिक में मैं 75 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगा। 17 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने वाले इस खिलाड़ी ने इस वर्ष मई में पैरा विश्व चैंपियनशिप में 69.50 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने कहा - भारत से पहली बार इतना बड़ा और मजबूत दल पैरालंपिक में जा रहा है और मुझे ध्वजवाहक बनने पर गर्व महसूस हो रहा है।

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