हिगुची ने कहा- विनेश मैं आपके दर्द को समझ सकता हूं

पहलवान बेटी को मिला जापानी ओलम्पिक चैम्पियन का समर्थन
खेलपथ संवाद
पेरिस।
पेरिस ओलम्पिक में कुश्ती में भारत को निराशा हाथ लगी। जहां टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने इस स्पर्धा में एक रजत (रवि दहिया) और एक कांस्य (बजरंग पूनिया) समेत दो पदक जीते थे। इस ओलम्पिक में भारत को अमन सहरावत (कांस्य) के रूप में एक ही सफलता मिली है। विनेश फोगाट के पास स्वर्ण जीतने का मौका था, लेकिन फाइनल से ठीक पहले उन्हें बढ़े हुए वजन के लिए अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद भारत के स्वर्ण जीतने की उम्मीदों को झटका लगा। विनेश इस ओलम्पिक में शानदार फॉर्म में दिखी थीं।
विनेश ने अपने पहले ही मैच में चार बार की विश्व चैम्पियन और टोक्यो ओलम्पिक की चैम्पियन विश्व नम्बर एक जापान की सुसाकी को हराया था। हिगुची का विनेश से भिड़ने के पहले का रिकॉर्ड 82-0 था। इस जीत के सिलसिले को विनेश ने रोक दिया था। इसके बाद टोक्यो ओलम्पिक की पदक विजेता ओकसाना लिवाच और क्यूबा की गुजमान लोपेज को हराकर विनेश ने फाइनल में जगह बनाई थी। अब विनेश को पेरिस ओलम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान हिगुची रेई का समर्थन मिला है। हिगुची ने 57 किलोग्राम वर्ग में पेरिस में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने ही भारत के अमन सहरावत को सेमीफाइनल में हराया था। उन्होंने अब विनेश को लेकर बयान दिया है।
कुछ अतिरिक्त ग्राम के कारण अयोग्य घोषित किए जाने के दर्द से सभी पहलवान परिचित हैं और अब हिगुची ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का समर्थन करते हुए कहा कि वह विनेश के दर्द को समझते हैं। विनेश को निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण पेरिस ओलम्पिक के फाइनल के लिए अयोग्य ठहराकर बाहर दिया गया था। पुरुषों की 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता हिगुची को तीन साल पहले टोक्यो ओलम्पिक के क्वालीफायर से सिर्फ 50 ग्राम अधिक वजन होने के कारण बाहर कर दिया गया था। इसके बाद वह अपने घरेलू ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले सके।
हिगुची ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल के सेमीफाइनल में भारत के अमन सेहरावत को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने विनेश की संन्यास की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, 'मैं आपका दर्द को अच्छी तरह समझता हूं। बस 50 ग्राम। दूसरों की बातों की चिंता मत करो। जिंदगी चलती रहती है। असफलताओं से उबरना सबसे खूबसूरत चीज है। अच्छी तरह आराम करो।'
हिगुची ने 2016 रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीता था। उन्होंने ‘जापान न्यूज’ से टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल होने के बारे में कहा, 'मैं असफलता और निराशा से गुजर चुका हूं, लेकिन मैं खुद पर विश्वास करके सफल होने में कामयाब रहा। फिर भी मुझे नहीं लगता कि मैं सिर्फ अपने प्रयासों से स्वर्ण पदक जीत सकता था।' तब हिगुची को 'जंक फूड' के प्रति लगाव के लिए दोषी माना जा रहा था।

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