आज भाला फेंक स्पर्धा के क्वालीफिकेशन में उतरेंगे नीरज चोपड़ा

हर भारतीय को अपने स्टार एथलीट से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद
खेलपथ संवाद
पेरिस।
भारतीय एथलेटिक्स में कई कीर्तिमान रच चुके नीरज चोपड़ा अपने दूसरे ओलम्पिक में एक बार फिर अपने भाले से इतिहास रचना चाहेंगे चूंकि भारतीयों को उनसे एक बार फिर स्वर्ण पदक की उम्मीद है। उनकी अप्रतिम निरंतरता की एक बार फिर परीक्षा होगी क्योंकि पूरे सत्र में वह जांघ के भीतरी हिस्से की मांसपेशी में (एडक्टर) परेशानी से जूझते आए हैं। वह मंगलवार को क्वालीफिकेशन दौर में उतरेंगे और फाइनल आठ अगस्त को होगा।
इस साल चोपड़ा ने सिर्फ तीन स्पर्धाओ में भाग लिया, लेकिन उनके बाकी प्रतिस्पर्धी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। दोहा डायमंड लीग में मई में चोपड़ा ने 88.36 मीटर का थ्रो फेंका। वहीं, एडक्टर में असहजता के कारण 28 मई को ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक में एहतियात के तौर पर भाग नहीं लिया। उन्होंने जून में फिनलैंड में पावो नुरमी खेलों में 85.97 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण के साथ वापसी की। इसके बाद सात जुलाई को पेरिस डायमंड लीग में भाग नहीं लिया। उनके कोच ने फिटनेस को लेकर चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि अब उनके एडक्टर में कोई परेशानी नहीं है और वह कड़ा अभ्यास कर रहे हैं।
दो स्वर्ण जीतने वाले बन जाएंगे पहले भारतीय
चोपड़ा अगर स्वर्ण जीतते हैं तो ओलम्पिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवें खिलाड़ी बनेंगे। इसके साथ ही ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे। ओलम्पिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जॉन जेलेंजी (चेक गणराज्य 1992 और 1996) और आंद्रियास टी (नॉर्वे 2004 और 2008) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में खिताब बरकरार रख सके हैं।
इन दिग्गजों से होगा सामना, किशोर जेना भी दौड़ में
टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के याकूब वालेश, जर्मनी के जूलियन वेबर और पूर्व विश्व चैंपियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स उन्हें फिर चुनौती देंगे। भारत के किशोर जेना भी दौड़ में हैं जिन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में 87.54 मीटर का थ्रो फेंककर क्वालिफाई किया था, लेकिन उसके बाद से 80 मीटर तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।

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