जीएल बजाज में उद्यमिता और स्टार्टअप पर हुआ व्याख्यान

विशेषज्ञों ने बिजनेस मॉडल कैनवास पर साझा किए अपने विचार

छात्र-छात्राओं को बताए सफल उद्यमी बनने के तौर-तरीके

मथुरा आज के समय में स्टार्टअप, उद्यमिता, सीडिंग जैसे शब्द युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। युवा पीढ़ी नौकरी के पीछे भागने की बजाय उद्यमी बनकर अपने सपनों को साकार कर रहा है। युवाओं में आए इस सकारात्मक बदलाव के पीछे स्टार्टअप इंडिया की अहम भूमिका है। सरकार की इस ऐतिहासिक पहल ने ही युवाओं को अपने इनोवेशन को विकसित करने तथा स्टार्टअप बनाने के अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाया है। यह बातें आईआईसी जीएल बजाज मथुरा की इम्पेक्ट लेक्चर सीरीज के तहत उद्यमिता और स्टार्टअप संस्कृति पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता एआईसी-बीआईएमटेक के डिप्टी मैनेजर (ऑपरेशन) मृणाल सिंह ठाकुर तथा असिस्टेंट मैनेजर (ऑपरेशन) मनीष कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

मुख्य वक्ता मृणाल सिंह ठाकुर ने एमबीए तथा बीटेक के छात्र-छात्राओं को उद्यमी बनने के लिए आवश्यक कौशल तथा प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक वातावरण की चुनौतियों से निपटने के उपाय बताए। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इंडिया वित्तीय सहायता, आयकर सहायता, पंजीकरण सहायता और नेटवर्किंग सहायता से लेकर विविध सहायता प्रदान करता है। ये लाभ स्टार्टअप के सबसे महत्वपूर्ण चरण में किसी विचार को क्रियान्वित करने तथा उसे बाजार में बेचने योग्य बनाने से संबंधित है। स्टार्टअप इंडिया की कार्ययोजना में पहला सरलीकरण और सहायता, दूसरा वित्त पोषण सहायता तथा तीसरा प्रोत्साहन शामिल है।

श्री ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में स्टार्ट-अप इंडिया के नाम पर युवाओं के पास एक महत्वपूर्ण भूमिका और एक असाधारण अवसर है। उन्होंने कहा कि कुछ करने का जुनून, कुछ बनाने का जुनून, बदलाव की तलाश करने का जुनून, बदलाव लाने का जुनून, यही वह है जो स्टार्ट-अप इंडिया युवाओं को प्रदान करता है। युवाओं के लिए स्टार्ट-अप इंडिया एक अवसर  है कुछ करने का, कुछ बनाने का, कुछ सृजन करने का तथा बदलाव लाने का।

असिस्टेंट मैनेजर (ऑपरेशन) मनीष कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं के साथ इंक्यूबेशन और एक्सेलरेशन अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने भारत में स्टार्टअप संस्कृति के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करते हुए रुझान, अवसर, नवाचार और विकास का समर्थन करने वाले पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए स्टार्ट-अप इंडिया एक प्लेटफॉर्म है जो पहल करने और उनकी उद्यमशीलता की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए एक मार्ग के रूप में कार्य करता है। श्री सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया एक चुनौती भी है। एक ऐसी चुनौती जो उद्यमियों को स्वयं का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने तथा हर समस्या का समाधान करने में मदद करती है।

संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि उद्यमी वह व्यक्ति होता है जो नया व्यवसाय शुरू करता है, ज्यादातर जोखिम उठाता है तथा ज्यादातर लाभ भी कमाता है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए स्टार्ट-अप इंडिया एक सहायता  और उदाहरण है। स्टार्ट-अप इंडिया एक उदाहरण के रूप में कार्य करता है यानी नवाचार का उदाहरण, सर्वोत्कृष्ट पारिस्थितिकी तंत्र का उदाहरण तथा  उद्यमशीलता की खोज का उदाहरण। अंत में निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिह्न और पौधे भेंट किए। विभागाध्यक्ष प्रबंधन अध्ययन डॉ. शशि शेखर गौतम ने अतिथि वक्ताओं का आभार माना।

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