राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुआ प्रभावी शिक्षण पर व्याख्यान

सफलता के लिए प्लानिंग और मोटिवेशन बहुत जरूरीः दिव्या

मथुरा। प्रभावी शिक्षण तब होता है जब एक शिक्षक छात्र-छात्राओं को उनकी विभिन्न आवश्यकताओं को समझने तथा उसी के अनुरूप कार्य करने में सक्रिय रूप से शामिल रखने में सफल होता है। शिक्षक भी मनुष्य होता है, जो कभी-कभी अपना कार्य उत्कृष्टता से नहीं दर्शा पाता। वजह, उन्हें पता ही नहीं होता कि वह और बेहतर कर सकते हैं। शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऐसे ही संवेदनशील मुद्दों से रूबरू कराने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में यूपीएस लर्निंग द्वारा अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।

अतिथि वक्ता सॉफ्ट स्किल ट्रेनर दिव्या ने शिक्षक-शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सीखना सतत प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक-विद्यार्थी दोनों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इंसान जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं क्रिया एवं स्व अनुभव से सीखते हैं जबकि शिक्षक अपने ज्ञान व कौशल का प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को सुगम बनाते हैं।

अतिथि वक्ता ने कहा कि कार्य कैसा भी हो उसका फीडबैक के साथ-साथ मूल्यांकन भी जरूरी होता है। मूल्यांकन से ही पता चलता है कि सीखने की प्रक्रिया पूर्ण हुई है या नहीं। शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि सही प्लानिंग जहां किसी भी कार्य के लिए आवश्यक है वहीं मोटिवेशन भी बहुत जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों को बताया कि प्रश्न पूछना भी एक कला है।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसके सवालों से पहचानें, न कि उसके उत्तरों से। हमारे द्वारा किसी से भी पूछा गया प्रश्न यूं तो साधारण मालूम होता है, लेकिन यह हमारी संवेदनशीलता और चरित्र का भी मूल्यांकन करता है। लिहाज़ा जब भी प्रश्न करना हो तो उससे पहले स्वयं से प्रश्न करना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों को प्रभावी प्रश्न पूछने के तरीके भी बताए।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि सीखना कोई मंजिल नहीं बल्कि एक सतत प्रक्रिया है। निरंतर सीखना लक्ष्य को प्राप्त करने का एक उपयुक्त तरीका है। लगातार एक निश्चित समयावधि में नए कौशल और ज्ञान प्राप्त करने की विधि को ही निरंतर सीखना कहा जाता है। यह प्रक्रिया लोगों को व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से विकसित होने में मदद करती है, जिसके परिणामस्वरूप नए अवसर मिलते हैं और पूरी क्षमता हासिल होती है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि छात्र हो या शिक्षक निरंतर सीखने की प्रक्रिया ज्ञान और कौशल में विस्तार करती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षण व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने तथा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए ऐसे आयोजन किए जाते हैं। ऐसे कार्यक्रम इंटरैक्टिव तरीके से सीखने में सक्षम बनाते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि निरंतर सीखने की ललक ही सफलता दिलाती है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने अतिथि वक्ता को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।

रिलेटेड पोस्ट्स