सेमीफाइनल में पहुंचते ही अफगानिस्तान में मचा जीत का जश्न

टी20 विश्व कप: बांग्लादेश को हराया, ऑस्ट्रेलिया को किया बाहर
खेलपथ संवाद
किंग्सटाउन
। विषमता से सफलता के सफर में अपने क्रिकेट इतिहास का सबसे सुनहरा पन्ना लिखते हुए अफगानिस्तान ने मंगलवार को टी20 विश्व कप में डकवर्थ लुईस पद्धति से बांग्लादेश को आठ रनों से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। ऐसा पहली बार हुआ है कि अफगानिस्तान किसी आईसीसी ट्रॉफी इवेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा है। राशिद की टोली के सेमीफाइनल में पहुंचते ही अफगानिस्तान में जमकर जश्न मना।
जैसे ही नवीनुल हक ने 18वें ओवर की चौथी गेंद पर तस्कीन अहमद का विकेट लिया, उनके साथी खिलाड़ियों से लेकर स्टेडियम में मौजूद समर्थकों तक की आंखें भर आईं। कैरेबियाई सरजमीं से काबुल तक क्रिकेटप्रेमियों को भावविभोर करने वाली इस उपलब्धि का कयास क्रिकेट पंडित भी नहीं लगा सके थे। राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध की विभीषिका झेलने वाले देश की ऐसी टीम ने यह कारनामा कर दिखाया जिसके पास अभ्यास के लिये खुद का मैदान तक नहीं है। इस रोमांचक मुकाबले में पासा पल-पल बदलता रहा, लेकिन आखिर में बाजी राशिद खान के रणबांकुरों के नाम रही, जिन्होंने इस जीत के साथ आॅस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज का टूर्नामेंट से बोरिया बिस्तर भी बांध दिया। अब सेमीफाइनल में 27 जून को अफगानिस्तान का सामना दक्षिण अफ्रीका से और भारत की टक्कर इंगलैंड से होगी।
इससे पहले बांग्लादेश के गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अफगानिस्तान को पांच विकेट पर 115 रन पर रोक दिया। लेग स्पिनर रिशाद हुसैन ने 26 रन देकर तीन विकेट चटकाये। जवाब में अफगानिस्तान ने बांग्लादेश को 17.5 ओवर में 105 रन पर आउट कर दिया। राशिद खान ने 23 रन देकर और तेज गेंदबाज नवीनुल हक ने 26 रन देकर चार-चार विकेट लिये। बांग्लादेश के लिये बल्लेबाज लिटन दास (नाबाद 54) अकेले डटे रहे। बारिश के कारण खेल कई बार रुका।
गुलबदिन के गिरने पर मचा बवाल
मैच में अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट ने अपने खिलाड़ियों को धीमे खेलने का इशारा किया और फिर गुलबदिन नायब नाटकीय ढंग से कमर के बल गिर गये, जिससे पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाया कि क्या वह वाकई तकलीफ में थे। स्लिप में फील्डिंग कर रहे नायब ने 12वें ओवर में ऐंठन की शिकायत की। इससे पहले ट्रॉट को अपने खिलाड़ियों को खेल की गति धीमी करने का इशारा करते कैमरे पर देखा गया था चूंकि बारिश के कारण खलल पड़ने पर डकवर्थ लुईस प्रणाली से उनकी टीम आगे चल रही थी।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेविड वार्नर का सफर खत्म
किंग्सटाउन (एजेंसी): ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डेविड वार्नर के उपलब्धियों और विवादों से भरे 15 साल लंबे अंतर्राष्ट्रीय करियर का मंगलवार को यहां टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान की बांग्लादेश पर जीत के साथ निराशाजनक अंत हो गया। जनवरी 2009 में टी20 मुकाबले के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 37 वर्षीय वार्नर ने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 24 जून को ग्रॉस आइलेट में भारत के खिलाफ खेला, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को 24 रन से हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक वार्नर को गॉर्ड ऑफ ऑनर नहीं मिल सका और न ही दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया।
डकवर्थ-लुईस पद्धति के जनक फ्रेंक डकवर्थ का निधन
नयी दिल्ली (एजेंसी) : इंग्लैंड के सांख्यिकीविद् और डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (डीएलएस) पद्धति को तैयार करने वालों में शामिल फ्रेंक डकवर्थ का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार डकवर्थ का 21 जून को निधन हो गया। डकवर्थ-लुईस पद्धति को डकवर्थ और उनके साथी सांख्यिकीविद् टोनी लुईस ने तैयार किया और इसका इस्तेमाल बारिश से प्रभावित मैचों के नतीजे के लिए किया जाता है। इस पद्धति को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे पहले 1997 में लागू किया गया और 2001 में आईसीसी उन मुकाबलों में संशोधित लक्ष्य देने की मानक प्रणाली के रूप इसे स्वीकार किया जहां ओवरों की संख्या में कटौती होती है।

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