पेरिस ओलम्पिक का टिकट पक्का करने से चूके भारतीय पहलवान

ओलम्पिक क्वालीफायर में फ्रीस्टाइल पहलवानों का निराशाजनक प्रदर्शन
दीपक और सुजीत को नहीं मिली खेलने की अनुमति 
खेलपथ संवाद
बिश्केक।
अमन सहरावत एशियाई ओलम्पिक क्वालीफायर में शुक्रवार को अपना सेमीफाइनल हारने के बाद पेरिस खेलों के लिए कोटा हासिल करने से चूक गए, जबकि दीपक पूनिया और सुजीत कलकल को वजन करने के लिए समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिला।
अमन ने 57 किलोग्राम वर्ग में दबदबे वाला आगाज करते हुए अपने शुरुआती दो प्रतिद्वंद्वियों येरासिल मुख्तारुली और सुंगवॉन किम को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। वह हालांकि उज्बेकिस्तान के गुलोमजोन अब्दुल्लेव के खिलाफ इस लय को जारी रखने में विफल रहे और 10 अंकों से पिछड़ने के बाद हार गए। भारतीय कुश्ती जगत को अमन से काफी उम्मीदें थीं क्योंकि उन्होंने अपने आयु वर्ग में मजबूत माने जाने वाले रवि दहिया को शिकस्त देकर देश के प्रतिनिधित्व का मौका हासिल किया था।
अमन के अलावा जयदीप ने भी 74 किलोग्राम वर्ग में शानदार शुरुआत की और तुर्कमेनिस्तान के अल अर्सलान बेगेनजोव को हराया। वह क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान के ओरोजोबेक तोक्तोमाम्बेतोवबाद के खिलाफ मुकाबला 2-2 से बराबर होने के बाद हार गए। सुमित मलिक (125 किलोग्राम) भी अपने पहले दौर में किर्गिस्तान के लखागवागेरेल मुनख्तूर से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार गए, जबकि दीपक (97 किलोग्राम) क्वालीफिकेशन दौर में अराश योशिदा से तकनीकी श्रेष्ठता से हार गए।
दीपक और सुजीत को नहीं मिली खेलने की अनुमति 
दीपक और सुजीत कलकल को एशियन ओलम्पिक क्वालीफायर्स में शामिल होने की मंजूरी नहीं मिली। यह दोनों पहलवान मंगलवार से दुबई एयरपोर्ट पर फंसे हुए थे और शुक्रवार को बिश्केक पहुंचे थे। जब तक यह दोनों भारतीय पहलवान वहां पहुंचे, उस समय तक अन्य पहलवानों के वजन की जांच शुरू हो चुकी थी जिसके बाद आयोजकों ने दीपक और सुजीत को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने कहा कि भारतीय कोचों के अनुरोध के बावजूद आयोजकों ने उन्हें अनुमति नहीं दी। पूनिया ( 86 किग्रा ) टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के करीब पहुंचे थे। महिलाओं की स्पर्धा शनिवार को होगी जिसमें सबसे ज्यादा नजरें विनेश फोगाट (50 किलोग्राम) पर होंगी। एशियाई ओलम्पिक क्वालीफायर के बाद पहलवानों को मई में तुर्की में होने वाले विश्व ओलम्पिक क्वालीफायर से एक और मौका मिलेगा।

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