लगातार डोपिंग के संजाल में फंस रहे भारतीय खिलाड़ी

भारतीय एथलीटों पर चल रहा राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी का डंडा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय खिलाड़ी डोपिंग के संजाल में लगातार फंस रहे हैं। इससे देश की अस्मिता खेल बिरादर के सामने लजा रही है। वाडा की रिपोर्ट बताती है कि भारत डोपिंग के मामले में पहले, रूस दूसरे तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरे नम्बर पर है। नाडा ने हाल ही में तीन एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया है।
गोवा राष्ट्रीय खेलों के रजत पदक विजेता स्टिपलचेज खिलाड़ी मोहम्मद नूर हसन के साथ भारत के विश्व क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप के प्रतिभागी हेमराज गुर्जर और अंजलि कुमारी को प्रतिबंधित पदार्थों की जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्थायी रूप से निलम्बित कर दिया गया है। भारतीय एथलेटिक्स में डोपिंग के नवीनतम मामलों में राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी पैनल द्वारा धावक जी लक्ष्मणन और धाविका हिमानी चंदेल पर भी क्रमशः दो और चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
हसन ने पिछले साल फेडरेशन कप और नेशनल ओपन चैम्पियनशिप में 3000 मीटर स्टिपलचेज में स्वर्ण पदक जीता था। गुर्जर ने जनवरी में गया में राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप जीती थी लेकिन मार्च में बेलग्रेड में विश्व क्रॉस कंट्री में वह 88वें स्थान पर रहे थे। अंजलि कुमारी जनवरी में नेशनल क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप में दूसरे स्थान पर रही थीं। इस प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन वैश्विक प्रतियोगिता के लिए हुआ था जिसमें वह 80वें स्थान पर रहीं। इन तीनों को नाडा द्वारा अस्थाई निलम्बन सौंपे गए लोगों की नवीनतम सूची में शामिल किया गया है।
इस बीच यह भी पता चला है कि 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 5000 मीटर और 10,000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाले लक्ष्मणन पर पिछले साल 10 अगस्त से दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है। उनका नाम उन लोगों में शामिल था जिन पर या तो डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल या नाडा के डोपिंग रोधी अपील पैनल द्वारा प्रतिबंध लगाए गए थे। शीर्ष धाविका हिमानी चंदेल पर भी पिछले साल 15 जून से चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है।

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